90 के दशक की शुरुआत में अपने परिवार का सहारा बनने के लिए पढ़ाई छोड़ने के बाद ए.आर. रहमान का सितारा चमका। आर्थिक तंगी के बावजूद, संगीत के प्रति उनका जुनून कम नहीं हुआ। 1992 में, उन्होंने निर्देशक मणिरत्नम की फ़िल्म 'रोज़ा' से संगीतकार के रूप में शुरुआत की। अपनी पहली ही फ़िल्म से उन्होंने न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे भारत को अपनी धुनों का दीवाना बना दिया। उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला। ए.आर. रहमान का संगीत क्षेत्रीय सीमाओं से परे, कॉलीवुड ही नहीं, बॉलीवुड, टॉलीवुड और हॉलीवुड में भी छा गया। रहमान ने 2009 में 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए 2 ऑस्कर पुरस्कार जीते, जिससे दुनिया के सबसे सम्मानित संगीतकारों में उनकी जगह पक्की हो गई।