
Ratan Thiyam Passes Away: भारत में 'थिएटर ऑफ़ रूट्स' आंदोलन को धार देने वाले मणिपुर के फेमस रंगकर्मी रतन थियम ( Theatre Director Ratan Thiyam ) का बुधवार (23 जुलाई, 2025) की सुबह इम्फाल में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे।
दिवंगत थियम प्राचीन भारतीय नाट्य परंपराओं और मॉडर्न सब्जेक्ट पर बेस्ड ड्रामा की स्क्रिप्टिंग और मंचन के लिए विख्यात थे। उन्होंने मणिपुरी कला के विभिन्न रूपों को अपने नाटक के जरिए प्रस्तुत किया। 'चक्रव्यूह' और 'ऋतुसंहारम' जैसे नाटक उनकी काबिलियत को बखूबी दर्शाते हैं।
1989 में पद्मश्री से सम्मानित रतन थियम ने National School of Drama के प्रेसीडेंट के रूप में 5 साल अपनी सेवाएं दी, इससे पहले वे संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके थे। रतन थियम का जन्म 20 जनवरी को 1948 को हुआ था। 23 जुलाई की अलसुबह उन्होंने मणिपुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
मणिपुर के पूर्व सीएम नोंगथोम्बम बीरेन सिंह ( Nongthombam Biren Singh) ने उनके निधन पर शोक जताया है। बीरेन ने एक्स पर लिखा, "मैं गहरे दुःख के साथ भारतीय रंगमंच के एक सच्चे और पुख्ता प्रकाशपुंज और मणिपुर के एक सम्मानित सपूत श्री रतन थियम के निधन पर अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने अपनी कला के प्रति उनके अटूट समर्पण, दूरदर्शिता और मणिपुरी कल्चर के प्रति उनके प्रेम ने न केवल रंगमंच की दुनिया को समृद्ध किया, बल्कि हमारी पहचान को भी ऊंचाई पर पहुंचाया। बीरेन सिंह ने रतन थियम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनकी कृतियां मणिपुर की आत्मा को समेटे हुए हैं, जो उसकी कहानियों, स्टगल और सुंदरता को पेश करती हैं।
मणिपुर भारतीय जनता पार्टी की प्रेसीडेंट शारदा देवी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि वे "रंगमंच की दुनिया में एक महान हस्ती थे, वे इस इलाके के एकमात्र शख्स थे जिन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में डायरेक्टर का प्रतिष्ठित पद संभाला था। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित... कला, संस्कृति और साहित्य में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।