48 की उम्र में इस एक्ट्रेस के 'सेक्स ड्राइव' का राज जान चौंक जाएंगे

केट विंसलेट ने 48 साल की उम्र में भी अपनी सेक्स ड्राइव को बेहतर बनाने के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी लेने का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे हार्मोन असंतुलन कामाग्नि को कम कर सकता है और TRT कैसे मदद कर सकता है।

rohan salodkar | Published : Nov 1, 2024 3:58 AM IST

टाइटैनिक फिल्म याद है ना? उसमें हीरोइन केट विंसलेट रातोंरात स्टार बन गई थीं। खैर, अब केट 48साल की हो गई हैं। उनका कहना है कि वो अब भी लैंगिक रूप से सक्रिय हैं। साथ ही, इस उम्र में अपनी 'सेक्स ड्राइव' को बेहतर बनाने के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ले रही हैं।

हाल ही में ऑस्कर विजेता एक्ट्रेस केट विंसलेट ने अपनी कामाग्नि बढ़ाने के लिए एक थेरेपी के बारे में बताया है, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। 'हाउ टू फेल विद एलिजाबेथ डे' पॉडकास्ट में उन्होंने टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के बारे में बताया।

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हार्मोन असंतुलन से कामाग्नि कम हो जाती है। केट कहती हैं, "कभी-कभी महिलाओं में यौन इच्छा की कमी होती है क्योंकि उनके थायराइड में कुछ गड़बड़ होती है। अगर आपका टेस्टोस्टेरोन लेवल सही है तो सेक्स लाइफ भी अच्छी रहेगी। बहुत से लोगों को यह नहीं पता, लेकिन महिलाओं के शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन होता है। जब यह कम हो जाता है तो इच्छा खत्म हो जाती है। ऐसे में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करानी पड़ती है। यह मुश्किल नहीं है और इससे आप फिर से सेक्स का आनंद ले पाएंगी। मुझे पता है।"

केट की दो शादियां टूट चुकी हैं और उनके कई बॉयफ्रेंड भी रहे हैं। कुल मिलाकर उनकी लव लाइफ काफी रंगीन रही है।

महिलाओं पर टेस्टोस्टेरोन का क्या असर होता है?

टेस्टोस्टेरोन एक सेक्स हार्मोन है जो सभी में पाया जाता है, लेकिन पुरुषों में इसकी मात्रा ज्यादा होती है। महिलाओं में एंड्रोजन, यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह कामाग्नि और प्रजनन क्षमता को निर्धारित करने में मदद करता है। यह नए रक्त कण बनाता है, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूत करता है।

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन कम होने लगता है। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, हार्मोन असंतुलन होता है और मूड स्विंग की समस्या होती है। कामाग्नि में कमी, स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।

टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या है?

टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT) एक मेडिकल ट्रीटमेंट है जिससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाया जाता है। इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

कामाग्नि में वृद्धि: महिलाओं के लिए TRT का एक आम फायदा कामाग्नि में बढ़ोतरी है।

बेहतर मूड: कुछ महिलाओं ने TRT शुरू करने के बाद खुशी, डिप्रेशन में कमी और चिंता में कमी महसूस की है।

ऊर्जा में वृद्धि: TRT शारीरिक और यौन ऊर्जा को बढ़ाता है और थकान कम करता है। इससे बेहतर सेक्स लाइफ मिलती है।

मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि: टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों के निर्माण में भूमिका निभाता है। TRT से महिलाओं की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शारीरिक प्रदर्शन बेहतर होता है।

हड्डियों का घनत्व: टेस्टोस्टेरोन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। TRT महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के नुकसान से बचाता है, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद।

लेकिन इसके कुछ जोखिम और साइड इफेक्ट्स भी हैं। यह मासिक धर्म, मूड स्विंग और अन्य शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कम टेस्टोस्टेरोन वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसे डॉक्टर की निगरानी में ही लेना चाहिए।

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