
कोच्चि : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को मोहनलाल जैसा महान टैलेंट देने वालीं उनकी मां शांताकुमारी का निधन हो गया है। मोहनलाल की मां का कोच्चि के एलमक्कारा में निधन हुआ। वह 90 साल की थीं। मोहनलाल को उनकी मां प्यार से लालू बुलाती थीं। मोहनलाल भी अपनी मां के बहुत करीब थे। उनकी मां के निधन पर शोक जताने के लिए कई लोग एलमक्कारा स्थित उनके घर पहुंचे हैं।
भले ही उनके बेटे मलयालम सिनेमा ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के भी दिग्गज बन गए, लेकिन शांताकुमारी ने अपने बेटे की तीन फिल्में कभी नहीं देखीं। सालों पहले उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था। वे फिल्में थीं- किरीटम, चेंकोल और तलवट्टम।
"मैंने किरीटम और चेंकोल फिल्में नहीं देखी हैं। वे बहुत दर्दनाक हैं। वो दिल को झकझोर देने वाली फिल्में हैं। मैं उन्हें देखना नहीं चाहती। मैंने चेंकोल नहीं देखी। उससे पहले, मैंने किरीटम थोड़ी सी ही देखी थी। उसके बाद, मेरा वो फिल्म देखने का मन नहीं हुआ। आखिर में, मैंने तलवट्टम भी नहीं देखी। मुझे इनमें से कोई भी फिल्म देखना पसंद नहीं है। मुझे 'किलुक्कम' जैसी फिल्में देखना अच्छा लगता है। जब फिल्म का आखिरी हिस्सा आता था, तो मैं उठकर चली जाती थी," शांताकुमारी ने उस समय एक प्राइवेट चैनल को बताया था।
पिछले 10 सालों से स्ट्रोक का इलाज करा रहीं शांताकुमारी का मंगलवार को निधन हो गया। उनका अमृता अस्पताल में इलाज चल रहा था। मोहनलाल उनके घर पहुंचे हैं। कई मौकों पर मोहनलाल को अपनी मां के बारे में बात करते हुए देखा गया है। मोहनलाल ने अपनी मां के 89वें जन्मदिन पर एलमक्कारा में उनके घर पर एक म्यूजिकल परफॉर्मेंस भी दी थी। उस समय इसका वीडियो काफी वायरल हुआ था।
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