छवि ने बताया कि उन्होंने जिस पहले शख्स को फ़ोन किया, उसने मुझे ताहिरा कश्यप से मिलवाया। अगले दिन मैंने उनसे लंबी बातचीत की। उन्होंने मुझ पर बहुत भरोसा जताया। “उसका कैंसर मेरे कैंसर से बहुत मिलता-जुलता था। सर्जरी भी वैसी ही थी, यहां तक कि डॉक्टर भी वही थे। उसने मुझे बताया कि मुझे क्या उम्मीद करनी है और इसे कैसे करना है। इससे मुझे बहुत भरोसा और स्पष्टता मिली।