कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीटर पर एक भयानक हादसे का संवेदनशील वीडियो साझा करके सरकार पर किसानों को कुचलने के आरोप लगाए। लांबा के इस वीडियो को लाखों व्यूज मिल गए हैं वहीं कुछ लोग रिट्वीट के जरिए उन्हें वीडियो की सच्चाई बताने में जुटे हैं।
फैक्ट चेक डेस्क. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में रिपब्लिक डे पर हुई हिंसा के बाद अब ये मामला पूरी तरह राजनीतिक हो गया है। सभी दिग्गज पार्टियों के नेता हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अब कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीटर पर एक भयानक हादसे का संवेदनशील वीडियो साझा करके सरकार पर किसानों को कुचलने के आरोप लगाए हैं। वीडियो के साथ लांबा ने केंद्रशासित पार्टी भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए निशाना साधा।
अलका लांबा के इस वीडियो को लाखों व्यूज मिल गए हैं वहीं कुछ लोग रिट्वीट के जरिए उन्हें वीडियो की सच्चाई बताने में जुटे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?
क्या है अलका लांबा का दावा ?
दरअसल लाबां काफी समय से किसान आंदोलन का समर्थन कर फार्म बिल का विरोध करती रही हैं। अब 29 जनवरी की दोपहर उन्होंने टट्विटर पर एक वीडियो साझा किया।
कैप्शन में लांबा लिखती हैं, हे राम.. :(,घोर अनर्थ
आरोप है कि किसान आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंच रही बुजुर्ग महिला किसानों को गुस्से में #BJP के कार्यकर्ता ने कुछ रोंद डाला...
किसी मीडिया ने यह तस्वीरें दिखा क्या BJP नेताओं से सवाल किए..?
शर्मनाक - पीड़ादायक :(. #FarmersProstest
ट्वीट का कैप्शन देखकर लगता है कि लांबा ये पूरा मैसेज कॉपी पेस्ट किया है। वो 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर पुलिस और सरकार की कार्रवाई को दिखाने ये वीडियो साझा किया है। लांबा का दावा है कि किसान आंदोलन को खत्म करने दिल्ली में मोदी सरकार ने किसानों पर ही ट्रैक्टर चलवा दिए, जिससमें महिलाएं कुचल गईं।
फैक्ट चेक
कांग्रेस नेता अलका लांबा के इन दावों की सच्चाई जानने हमने कुछ छानबीन की। लांबा जिस वीडियो को साझा करके सरकार और भाजपा पार्टी पर आरोप लगा है उसमें कुछ लोगों ने रिट्वीट करके वीडियो की सच्चाई बताई। फेक न्यूज शेयर करने के लिए यूजर्स लांबा पर भड़कते दिखे।
रिट्वीट में एक शख्स ने बताया कि ये वीडियो 26 जनवरी के दिन किसान आंदोलन का ही है लेकिन ये एक हादसा था। ये ड्राइवर किसान से हुआ हादसा था इसमें दिल्ली पुलिस या सरकार का कोई रोल नहीं है।
पड़ताल 1
हमने ट्वीट पर क्लिक करके देखा तो हमें अमर उजाला अखबार की एक खबर मिली। इस खबर में बताया गया कि, पंजाब के अमृतसर में मंगलवार 26 जनवरी को किसानों के समर्थन में निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली के दौरान बड़ा हादसा हो गया। अनियंत्रित टैंकर रैली में चल रही महिलाओं को रौंदता हुआ निकल गया। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई, वहीं पांच महिलाएं घायल हो गई। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी को ट्रैक्टर चलाना नहीं आता था। न ही उसके पास कोई लाइसेंस था। हादसा अमृतसर के अटारी-वेरका बाईपास पर स्थित कस्बा वल्ला स्थान पर हुआ।
हादसे के बाद घटना स्थल पर खड़े लोगों ने ट्रैक्टर ड्राइवर को पकड़ कर पुलिस थाना वल्ला के हवाले कर दिया। पुलिस ने घटना स्थल को चारों तरफ घेर लिया। इस हादसे के बाद गांव वल्ला में शोक की लहर दौड़ गई और वहीं ट्रैक्टर परेड भी स्थगित हो गई।
पड़ताल 2
खबर पता चलते ही हमने इसकी और जानकारी जुटाई तो हमें दैनिर जागरण की एक खबर और मिली। खबर की हैडलाइन है- अमृतसर में किसानों के धरने में शामिल होने जा रहीं महिलाओं पर चढ़ा पानी का टैंकर, दो की मौत, पांच घायल, पूरी खबर आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
पड़ताल नंबर 3
amritsar farmers protest water tanker कीबर्ड से गूगल सर्च करने पर हमें एनडीटीवी से लेकर न्यूज एंजेसी ANI की खबरें मिलीं। इन सभी न्यूज में हादसे की जानकारी दी गई है। ANI की न्यूज आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
क्या है सच्चाई ?
इसी घटना का वीडियो अलका लांबा ने सरकार पर किसानों को कुचलने के आरोप लगाते हुए साझा किया है। जबकि सच ये है कि ये वीडियो 26 जनवरी का ही है और एक हादसे का है। लांबा ने फर्जी दावे के साथ ये वीडियो साझा कर अपने लिए मुश्किलें बढ़ा ली हैं।
6 लोगों के खिलाफ यूपी में देशद्रोह का मुकदमा
दिल्ली में किसान ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा में एक किसान की मौत हो गई थी। किसान की मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर फर्जी खबर पोस्ट करने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर और जाने-माने जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई सहित 6 लोगों के खिलाफ यूपी में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन्होंने जानबूझकर सोशल मीडिया पर गलत जानकारी शेयर की। इन लोगों पर देशद्रोह समेत आपराधिक षडयंत्र और शत्रुता को बढ़ावा देने सहित आईपीसी के तहत कई आरोप लगाए गए हैं।