सोशल मीडिया पर इन दिनों AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के 2 वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसमें ओवैसी भजन गाते हुए दिख रहे हैं। मंच पर मौजूद कार्यकर्ता भी नेता जी के साथ ताल में ताल मिलाते नजर आ रहे हैं
FACT CHECK: सुमित अग्रवाल नाम के यूजर ने ट्विटर (Twitter) पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें असदुद्दीन (Asaduddin Owaisi) कृष्ण और सुदामा का फेमस भक्ती गाना, अरे द्वार पालों...गा रहे हैं। वीडियो शेयर करते हुए लिखा है - अब ये किसने कर दिया, जय श्री कृष्णा
दूसरे वायरल वीडियो (viral video) में ओवैसी मंच से माता जी का भजन गाते नजर आ रहे हैं। D P नाम के यूजर ने ट्विटर पर ओवैसी के माता जी का भजन गाते वीडियो शेयर करते हुए लिखा है- ये वाला ज्यादा बढ़िया है।
Asianetnews Hindi ने जब दोनों वायरल वीडियो की पड़ताल की तो मामला कुछ और ही निकला। हमारी जांच में दोनों वायरल वीडियो भ्रामक और एडिटेड है। ओवैसी के भाषण को एडिट करके इनके लिप्सिंग को भजन के साथ मिक्स कर दिया गया और इसे वायरल कर दिया गया। आइए सिलसिलेवार तरीके से करते हैं इस वायरल वीडियो की डिटेल पड़ताल...
पड़ताल का स्टेप नंबर 1: वीडियो का सच जानने के लिए हमने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज की मदद ली। हमने स्निपिंग टूल की मदद से वीडियो से ओवैसी की इमेज को क्रॉप किया। इसके बाद हमने गूगल में ओवैसी की फोटो को अपलोड किया। गूगल इंडेक्स के पहले ही पेज पर हमें यूट्यूब की एक लिंक मिली।
इस वीडियो की हेडिंग थी - Asaduddin Owaisi’s furious speech against anti-Muslim campaigns in Karnataka’s Bijapur । 18.22 मिनट के इस वीडियो में ओवैसी का पूरा भाषण मौजूद है। इसमें वो कर्नाटका के बीजापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। हमने पूरे वीडियो को सुना, लेकिन किसी प्रकार का कोई भजन सुनाई नहीं दिया। यूट्यूब पर यह वीडियो 27 अक्टूबर 2022 को अपलोड हुआ है। गूगल सर्च में आगे जाने पर कुछ वीडियो हमें 25 और 26 अक्टूबर को मिले।
सभी वीडियो देखने पर यह साफ हो गया कि ओवैसी ने पब्लिक रैली की थी, लेकिन कोई भजन नहीं गाया था। पहली पड़ताल में यह साफ हो गया कि ओवैसी का वायरल हो रहा वीडियो सिर्फ एडिटेड है और कुछ भी नहीं।
पड़ताल का स्टेप नंबर 2: सेल्फ वेरीफिकेशन की मदद से हमने वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से देखा। हमने पाया कि ओवैसी और उनके कार्यकर्ताओं की लिप्सिंग और गाने के बोल में कोई मैचिंग नहीं है। दूसरे ऑब्जर्वेशन में हमने नेता जी के ड्रेसिंग सेंस और मंच पर मौजूद लोगों पर फोकस किया। वायरल वीडियो और हमारी पहली पड़ताल के वीडियो को मैच करने पर यह निकला कि अक्टूबर में भाषण के दौरान नेता जी ने जो ड्रेस पहना है, उसी ड्रेस में गाना वायरल हो रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि ओवैसी जिस मौके पर और जिन लोगों के साथ मंच पर मौजूद थे, वो वाक्या कुछ और था। वायरल वीडियो में दिख रहे ओवैसी गाना गाने नहीं बल्कि पब्लिक रैली को संबोधित करने के लिए खड़े हुए थे।
निष्कर्षः हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा ओवैसी का गाने वाला वीडियो सिर्फ भ्रामक और एडिटेड के अलावा कुछ नहीं है। अक्टूबर 2022 में कर्नाटका के बीजापुर में ओवैसी के दिए भाषण के कुछ हिस्से को एडिट किया गया और लिप्सिंग के साथ गाने को जोड़कर वायरल कर दिया गया।
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