''मैंने हिमालया का प्रोडक्ट खरीदना बंद कर दिया है'', जानें क्या है रंजन गोगोई के नाम पर वायरल मैसेज का सच

''मैंने हिमालया का प्रोडक्ट (Himalaya products) खरीदना बंद कर दिया है, और आपने''? पैरोडी ट्विटर अकाउंट से भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के नाम पर एक ट्वीट वायरल (Viral) किया जा रहा है। यह ट्वीट 31 मार्च 2022 को किया गया है।

Sushil Tiwari | Published : Mar 31, 2022 7:54 AM IST

Fact Check: वायरल (Viral) ट्वीट में हिमालया (Himalaya) के हलाल पॉलिसी का एक स्क्रीनशॉट अटैच किया गया है। Asianetnews Hindi ने जब इस ट्विटर हैंडल की पड़ताल की तो यह पूरी तरह से फर्जी निकला। पूर्व जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने कभी ट्विटर (Twitter) पर कोई अकाउंट नहीं बनाया। उनके नाम से जो भी अकाउंट चल रहे हैं, वो सभी फेक हैं। आइए जानते हैं, हमने कैसे किया इस फर्जी ट्विटर अकाउंट की पहचान...

स्टेप 1: पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के नाम पर बने हैंडल को सबसे पहले हमने सेल्फ वेरीफाई किया।

 

हमने पाया रंजन गोगोई कभी भी ट्विटर पर नहीं रहे, मतलब उनका कोई अकाउंट नहीं बना हुआ है। वायरल हैंडल वेरीफाई या कह लें ब्लू टिक नहीं है। अगर रंजन गोगोई ट्विटर हैंडल का यूज करते तो उनका अकाउंट वेरीफाई होता। दूसरा हमने इस अकाउंट का बायो चेक किया। यहां भी ब्लंडर दिखा। बायो में पार्लियामेंट फॉर्मर जज, तीनों की स्पेलिंग गलत लिखी गई है। साथ ही, यह एक PARODY fan page है। पैरोडी ने सिर्फ हाईप्रोफाइल शख्स के नाम को यूज करके गलत मैसेज को वायरल किया है।

स्टेप 2: भारत सरकार (Government of India) के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कई बार रंजन गोगोई को लेकर ट्वीट किया गया लेकिन कभी उनके हैंडल को टैग नहीं किया गया। अगर रंजन गोगोई का ट्विटर हैंडल होता तो उनको भी टैग किया गया होता। 03 अक्टूबर 2018 को नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने रंजन गोगोई को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की बधाई देते हुए ट्वीट किया था। देखिए...

 

स्टेप 3: Ranjan Gogoi on twitter इस की वर्ड को सबसे पहले हमने गूगल सर्च बॉक्स में डाला। गूगल सर्च बार के पहले इंडेक्स पेज पर हमें Bar & Bench का एक ट्वीट मिला। यह 17 अक्टूबर 2018 को पोस्ट किया गया है। यह एक ऑफिशियल ब्लू टिक वाला वेरीफाई अकाउंट है। इसमें लिखा गया है कि CJI रंजन गोगोई का नाम फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाने के लिए किया गया। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है।

इससे यह साफ हो गया कि पहले भी रंजन गोगोई के नाम पर फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया जा चुका है।

स्टेप 4: इस की वर्ड से हमें गूगल के इंडेक्स में कई खबरें मिलीं। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। रंजन गोगोई के नाम पर पहले भी कई मुद्दों पर फर्जी ट्वीट वायरल हो चुके हैं। 15 अक्टूबर 2018 को पोस्ट की गई न्यूज 18 की भी एक लिंक मिली। इसमें बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जज के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाने वाले के खिलाफ केस दर्ज। आर्टिकल में लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सुरक्षा) कर्नल केबी मारवाह ने अपने स्तर पर अकाउंट की पड़ताल की। उन्होंने इसे फर्जी पाया था। मारवाह ने ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। साथ ही, पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए ट्विटर इंडिया को ईमेल लिखकर फेक अकाउंट को सस्पेंड करवा दिया था।

निष्कर्ष: पूर्व जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के नाम से जो ट्विटर हैंडल और जो ट्वीट वायरल किया जा रहा है, दोनों फर्जी हैं। रंजन गोगोई ने कभी भी ट्विटर पर अकाउंट नहीं बनाया।

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