इस वीडियो पर भारत की पुलिस का मजाक उड़ा रहे पाकिस्तानी, सच्चाई जान आप भी कहेंगे उन्हें मूर्ख

वीडियो में पुलिसवालों के पीछ बैल भाग रहे हैं और गांववाले भी। पाकिस्तानी इस वीडियो पर जमकर हंस रहे हैं और भारत का मजाक उड़ाने के इरादे से इसे शेयर कर रहे हैं लेकिन वो असली बात नहीं जानते।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2019 2:20 PM IST / Updated: Dec 29 2019, 07:58 PM IST

नई दिल्ली. पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है। इस वीडियो में गली में पुलिसवालों के पीछे बैलों को दौड़ते दिखाया गया है। दावा किया जा रहा है कि, भारत के एक गांव में जब पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो गांव के लोगों ने उनके पीछे बैलों को दौड़ाकर उन्हें भगा दिया। वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद जब इसकी जांच-पड़ताल की गई तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई......। आइए जानते हैं कि, क्यों पाकिस्तानी इस वीडियो को शेयर कर हंस रहे हैं।  

एक पाकिस्तानी यूजर ने ट्विटर पर वीडियो शेयर किया। उसने लिखा कि, “जब भारतीय पुलिस ने एक गांव में छापा मारा, तो नागरिकों ने बैलों की सेना को उनके पीछे लगा दिया।” 

वीडियो क्यों शेयर कर रहे पाकिस्तानी?

वीडियो में पुलिसवालों के पीछ बैल भाग रहे हैं और गांववाले भी। पाकिस्तानी इस वीडियो पर जमकर हंस रहे हैं और भारत का मजाक उड़ाने के इरादे से इसे शेयर कर रहे हैं लेकिन वो असली बात नहीं जानते।

फैक्ट चेकिंग

दरअसल ये जो वीडियो है वो सही है लेकिन जो दावा उसके साथ किया जा रहा है वो गलत है। यूट्यूब पर ये वीडियो जब हमने सर्च किया तो भारत में एक फेस्टिवल का मिला। 30 अगस्त, 2019 को ये वीडियो अपलोड किया हुआ है। यह 2019 में महाराष्ट्र के वराडसिम गांव में आयोजित ‘बैल पोला’ नामक त्यौहार का है। दरअसल यह त्यौहार बैलों के सम्मान ने आयोजित किया जाता है, जिसमें बैलों का श्रृंगार किया जाता है और उनकी पूजा कर एक रेस कंपीटिशन का आयोजन भी किया जाता है। मराठी में ‘बैल_पोळा’ कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें ट्विटर पर यह वीडियो मिला, जिसे वराडसिम में आयोजित बैल पोला त्यौहार का बताया है।

निष्कर्ष- 

तो सच्चाई एक क्लिक और सर्च से ही सामने आ गई है लेकिन मूर्ख पाकिस्तानी बिना जानकारी जुटाए फर्जी दावों के साथ वीडियो को शेयर कर रहे थे। भारत में ‘बैल पोला’ त्योहार में बैलों का सम्मान किया जाता है। भारत जैसे किसान प्रधान देश में किसानों से जुड़ी फसलें, पशु और मेहनती मजदूरों को बराबार सम्मान किया जाता रहा है। इसी से जुड़े हमारे तीज-त्योहार और उत्सव रहे हैं। 

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