गंगाजल
मृत्यु के समय गंगाजल को मुख में रखते हुए प्राण त्यागने का विधान बताया गया है। गंगाजल शरीर को पवित्र करता है और जब कोई व्यक्ति शुद्धता के साथ शरीर का त्याग करता है तो उसे भी यमलोग में दंड का पात्र नहीं बनना पड़ता। यही कारण है कि जीवन के आखिरी पलों में गंगाजल के साथ तुलसी दल दिया जाता है।