उज्जैन. विष्णु स्मृति के अनुसार हिन्दू धर्म में कुछ अपवित्र चीजों को भी पवित्र माना गया है। जो हमें जानवर, पक्षी और कीड़ों के मल, उल्टी और उनके मरने से मिलती है। जैसे गाय का दूध पहले बझड़ा उसे जूठा कर देता है फिर हमें दूध मिलता है, लेकिन गाय के दूध को पांच अमृतों में एक माना गया है। साथ ही इसका उपयोग देवी-देवताओं के अभिषेक के लिए किया जाता है और दूध से खीर और घी बनाते हैं जिनको नैवेद्य के रुप में भगवान को चढ़ाया जाता है। इसके अलावा और भी चीजें हैं जो अपवित्र होकर मिलती हैं, लेकिन भगवान की पूजा में उन्हें पवित्र माना गया है। जानिए कौन-सी हैं वो चीजें…
श्लोक-
उच्छिष्टं शिवनिर्माल्यं वमनं शवकर्पटम् ।
काकविष्टा ते पञ्चैते पवित्राति मनोहरा॥
अर्थ- उच्छिष्ट, शिव निर्माल्यं, वमनम्, शव कर्पटम्, काकविष्टा, ये पांचो चीजें अपवित्र होते हुए भी पवित्र है।