इस विधि से करें भगवान कालभैरव की पूजा
- कालभैरव अष्टमी की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद समीप स्थित किसी भैरव मंदिर में जाएं। अबीर, गुलाल, चावल, फूल, सिंदूर आदि चढ़ाकर कालभैरव की पूजा करें।
- नीले फूल चढ़ाने से विशेष लाभ मिलता है। भगवान को भोग के रूप में दही बड़े अर्पित करें। मिठाई का प्रसाद भी चढ़ाएं। सरसो के तेल का दीपक लगाएं। मंदिर में ही बैठकर श्रीकालभैरवाष्टकम का पाठ करें।
- भैरवजी का वाहन कुत्ता है, अत: इस दिन कुत्तों को भी मिठाई खिलाएं। इस प्रकार भगवान कालभैरव का पूजन करने से साधक की हर मनोकामना पूरी हो सकती है।