वैसे तो भारत में बाबा कालभैरव के अनेक मंदिर है, लेकिन इन सभी में काशी के कालभैरव मंदिर की विशेष मान्यता है। यह काशी के विश्वनाथ मंदिर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद जो भक्त इनके दर्शन नहीं करता है उसकी पूजा सफल नहीं मानी जाती है।