उज्जैन. भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन माह की अमावस्या तक 16 दिन की विशेष अवधि में श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। श्राद्ध को पितृपक्ष नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य पं प्रवीण द्विवेदी के अनुसार इस बार 2 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुके हैं, जो कि 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ समाप्त होंगे।