मंदोदरी रावण की पत्नी थीं। उन्हें रावण की हर बुराई का ज्ञान था लेकिन फिर उनके मन में रावण के लिए उसका प्रेम अटूट था। मंदोदरी धर्म जानती थी, इसीलिए वह रावण को बचाने की कोशिश करती रहीं। रावण अहंकार की वजह से मंदोदरी की बातें नहीं मानता था। अंत तक रावण मंदोदरी की नहीं माना और श्रीराम के हाथों उसका वध हो गया।
लाइफ मैनेजमेंट
मंदोदरी राक्षस कुल की थी, जहां अधर्म का बोलबाला था, लेकिन फिर भी उनका मन हमेशा धर्म में ही लगा रहता था। उन्होंने रावण से भी अधर्म के मार्ग से हटने को कहा, लेकिन रावण नहीं माना। मंदोदरी ने न सिर्फ पत्नी धर्म बल्कि ईश्वर धर्म का भी पूरी तरह से पालन किया।