उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, शक्ति के बिना शिव अधूरे हैं। आधुनिक संदर्भ में इसे देखें तो बिना नारी के नर का अस्तित्व ही नहीं है। स्त्री और पुरुष मिलकर ही सृष्टि की रचना और पालन करते हैं। इसमें से किसी एक को कम या ज्यादा नहीं आंका जा सकता। यही कारण है कि हिंदू धर्म में देवताओं के साथ-साथ देवियों को पूजे जाने की भी परंपरा है। धर्म ग्रंथों में ऐसी कई महिलाओं के बारे में बताया गया है, जिनका जीवन आदर्श के रूप में देखा जाता है। शास्त्रों में 5 ऐसी महिलाएं बताई गई हैं, जिनका विवाह हुआ था, लेकिन वे कन्याएं मानी गई हैं। इन पांच कन्याओं में 3 त्रेतायुग में और 2 द्वापर युग की महिलाएं शामिल हैं। त्रेतायुग यानी रामायण में अहिल्या, मंदोदरी, तारा और द्वापर युग यानी महाभारत में द्रौपदी, कुंती को माना गया है कन्या। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2022) के मौके पर जानिए इन पंचकन्याओं से जुड़ी खास बातें और लाइफ मैनेजमेंट टिप्स...