चोकर बाबा का कहना है कि भाजपा ने उसे ही टिकट दिया, जिसे उन्होंने हराया था। उन्होंने कहा कि वह संन्यासी की जिंदगी जीते हैं और अपना विरोध वह संन्यासी की तरह ही प्रकट करेंगे। साथ ही उन्होंने घोषणा कर दी कि वह आजीवन अन्न का सेवन नहीं करेंगे, सिर्फ फल पर रहेंगे। उन्होंने पार्टी पर आंतरिक लोकतंत्र के खत्म होने का भी आरोप लगाया।