ये हैं सलमान खान की मुंहबोली बहनें, संघर्ष भरा है जुड़वां बहनों का जीवन; हमेशा साथ रहने की आदत

पटना (Bihar) । बॉलीवुड एक्‍टर सलमान खान की दो मुंहबोली बहनें पटना में रहतीं हैं। वे कभी जुदा नहीं होतीं। जिनका नाम सबा व फराह शकील है। जिनका जीवन संघर्षों से भरा है। सिर से जुड़ी होने के कारण हर वक्‍त साथ रहतीं हैं। अब दोनों बहनों ने स्थिति से समझौता कर लिया है। कहती हैं, 'साथ रहने की आदत पड़ गई है। वहीं, इनकी कहानी चुनाव आयोग द्वारा दी गई प्रेरक पात्रों की कहानियों की शृंखला में शामिल की गई है। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग, मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर जो प्रेरक कहानियां पोस्‍ट कर रहा है। इसमें सलमान खान की इन बहनों की कहानी भी शामिल है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 20, 2020 10:01 AM IST / Updated: Nov 03 2020, 03:42 PM IST

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ये हैं सलमान खान की मुंहबोली बहनें, संघर्ष भरा है जुड़वां बहनों का जीवन; हमेशा साथ रहने की आदत


सिर से जुड़ी बहनों सबा व फरहा को खुद सलमान भी जानते हैं। उनके बारे में जानकारी होने पर सलमान ने करीब आठ साल पहले दोनों को मिलने के लिए टिकट भेजकर मुंबई बुलाया था। 

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मुंबई बुलाने के बाद सलमान खान को दोनों ने राखी बांधकर भाई बनाया था। खुद सलमान ने भी उन्‍हें बहन माना हैं तथा समय-समय पर दोनों की मदद को आगे आए।
 

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सबा-फरहा का जीवन संघर्ष भरा रहा है। सिर से जुड़ी होने के कारण हर वक्‍त साथ रहतीं हैं। कुछ बड़ी हुईं तो दोनों को सर्जरी के माध्‍यम से अलग करने की पहल शुरू हुई, लेकिन बात नहीं बनी। 

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परिवार की आर्थिक स्थिति आड़े पर कई जगह से मदद के हाथ बढ़े। सलमान खान भी अपनी इन मुंहबोली बहनों की मदद के लिए तैयार दिखे। लेकिन, जीवन का जोखिम फिर बाधा बनकर खड़ा हो गया। अंतत: दोनों बहनों ने स्थिति से समझौता कर लिया है। कहती हैं, 'साथ रहने की आदत पड़ गई है।'

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर इन बहनों के लिए एक दुकान अलॉट किया गया, जिसमें उन्‍होंने मई 2016 में फास्ट फूड ज्वायंट खोला। सब-फरहा का फास्ट फूड ज्वायंट 'वाह-जी सबा-फरहा रेस्टोरेंट ऑन व्हील' चल पड़ा।
 

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सबा व फराह शकील दोनों बहनों ने पटना में दीघा विधानसभा क्षेत्र से मतदाता बनने के लिए 2015 में आवेदन दिया था। 28 अक्‍टूबर 2015 को पहली वार वोट दी थी। तब, दोनों बहनों के नाम पर एक ही मतदाता पहचान-पत्र पर थे और वे एक वोट ही दे पाई थीं। 

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चुनाव बाद दोनों बहनों ने अपने हक के लिए आवाज उठाई और दो पहचान पत्र व दो वोट देने की मांग की। उनकी मांग को चुनाव आयोग ने माना और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने दो वोट डाले। तब उनकी कहानी को चुनाव आयोग ने 13 मई 2019 को ट्वीट भी किया था। जिसे लेकर निर्वाचन आयोग ने इनकी कहानी पोस्ट किया है।
 

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