इस मंदिर में गांव के लोग ही नहीं दूर-दराज से भी लोग अपने लंबी उम्र के लिए पूजा करने पहुंचते हैं। तब से लेकर आज तक इस गांव में होली नहीं मनाई जाती। गांव वाले बताते हैं कि अगर कोई होली खेलता है और अपने घर मे होली के दिन पुआ, पूड़ी बनाता है तो उसके परिवार पर कोई न कोई संकट आ ही जाता है। कहीं घर में आग लग जाती है तो कहीं किसी को कोई बीमारी हो जाती है। यह सब देख कर ग्रामीणों ने होली मनाना बंद कर दिया है और गांव का नाम भी सतीस्थान रख दिया है।