मुंगेर : एक तरफ जहां पूरा देश होली (Holi 2022) के रंग से सराबोर होने को तैयार है। खरीदारी हो रही है, गुझिया बनाने की तैयारी चल रही है। तो वहीं एक गांव ऐसा भी है जहां सन्नाटा पसरा है। यहां होली की आहट नहीं है। यहां लोग होली मनाना पाप मानते हैं। यह गांव है बिहार (Bihar) का सतीस्थान गांव.. दो हजार की आबादी वाले इस गांव में न फगुआ मनाया जाता है और ना ही रंग गुलाल उड़ते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई होली मनाने की सोचता भी है तो उसके घर ऐसी विपत्ती आ जाता है कि उसका सबकुछ तबाह हो जाता है। यही कारण है कि होली के अवसर पर यहां न रस्म निभाई जाती है और ना ही त्योहार मनाया जाता है। जानिए क्या है इस गांव की मान्यता और कब से नहीं मनाया जा रहा रंगो का त्योहार...