Chhath Puja 2021: आज अंतिम दिन उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, पानी में उतरकर पूजा-अर्चना, छठ घाटों पर उमड़ी भीड़

Published : Nov 11, 2021, 07:44 AM ISTUpdated : Nov 11, 2021, 07:49 AM IST

पटना। प्रकृति की आराधना का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्यदेव को  श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया है। इसी के साथ छठ महापर्व संपन्न हो गया। यहां कई घाटों पर व्रती रात तक रुके रहे। छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की घाटों पर भीड़ देखी गई। छठव्रतियों और श्रद्धालुओं ने गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। पटना समेत अन्य जिलों के सभी घाटों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। महूर्त के अनुसार सुबह 6.41 बजे लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और पारण किया। छठ पूजा के आखिरी दिन उषा अर्घ्य का दिन भी कहा जाता है, इसे पारण भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रत का पारण कर लिया जाता है। तस्वीरों में देखिए छठ महापर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देते श्रद्धालु...  

PREV
111
Chhath Puja 2021: आज अंतिम दिन उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, पानी में उतरकर पूजा-अर्चना, छठ घाटों पर उमड़ी भीड़

छठ पर्व के आखिरी दिन सुबह से ही नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो जाती है। इस दिन व्रती और उनके परिवार के लोग नदी के किनारे बैठकर जमकर गाना-बजाना करते हैं और उगते सूरज का इंतज़ार करते हैं।

211

सूर्य जब उगता है तब उसे अर्घ्य अर्पित किया जाता है, इसके बाद व्रती एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं। बाद में व्रती अपने घर आकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर  व्रत को खोलते हैं।

311

व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि खाए जाते हैं और इस तरह पावन व्रत का चौथे दिन समापन हो जाता है। घरों में खुशहाली और आनंद का माहौल देखने को मिलता है।
 

411

आज उषा अर्घ्य सूर्योदय का समय सुबह 06:41 बजे था। उषा अर्घ्य अर्थात इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
 

511

यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। मान्यता है कि विधि विधान से पूजा करने और अर्घ्य देने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती हैं।
 

611

इस तरह दें अर्घ्‍य
1. छठ के अंतिम दिन सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान कर लें।
2. इसके बाद उदित होते सूर्य के समक्ष जल में खड़े हो जाएं।

711

3. खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल भर लें।
4. उसी जल में मिश्री भी मिलाई जाती है।
5. तांबे के लौटे में लाल फूल, कुमकुम, हल्दी आदि डालकर सूर्य को यह जल अर्पित करते हैं।

811

6. दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर इस तरह जल चढ़ाएं कि कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें।
7. फिर दीप और धूप से सूर्य की पूजा करें और आशीर्वाद मांगें।
 

911

छठ घाट पर रंग-बिरंगे बल्बों से आकर्षक सजावट के साथ रोशनी की व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ ही यह महापर्व संपन्‍न हो गया। इसके बाद व्रतियों ने अपने घरों में पारण किया।

1011

इससे पहले बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य देने के लिए घाटों पर भीड़ उमड़ पड़ी थी। छठ व्रती और उनके परिजनों ने भगवान सूर्य को अर्घ्‍य दिया और सुबह के इंतजार के साथ अपने घर वापस लौट गए थे।

1111

बुधवार को सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद देर शाम सभी छठव्रती घर लौट गए। जबकि कुछ व्रतियों ने घाट पर ही रात बिताई।

Chhath Puja 2021 : घाटों पर आस्था का सैलाब, डूबते सूर्य को अर्घ्य, अब सूर्योदय का इंतजार, देखें Photos..

Chhath Puja 2021: द्रौपदी ने इस गांव में की थी छठ पूजा, आज भी मौजूद हैं निशान, भीम का था ससुराल..

Recommended Stories