सिर्फ गली-मोहल्ले नहीं, कइयों के सपने भी डूब गए...PHOTOS में देखें बिहार के हालात

पटना. ये तस्वीरें बिहार की राजधानी पटना की है। यहां सिर्फ गली-मोहल्ले नहीं डूबे, बल्कि कइयों के सपने भी डूब गए। लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि पटना भी कभी पानी में डूबेगा। ऐसा भयानक मंजर करीब 102 साल बाद सामने आया है। पटना के तमाम इलाकों में 7-8 फुट पानी भर गया था। हालांकि पानी अभी भी उतरा नही है। आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो पटना में अकेले बुधवार को 21157 लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया। अब तक यहां से 69752 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। बिहार में इस साल बाढ़ से 73 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 3, 2019 6:14 AM IST / Updated: Oct 03 2019, 12:08 PM IST

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सिर्फ गली-मोहल्ले नहीं, कइयों के सपने भी डूब गए...PHOTOS में देखें बिहार के हालात
पटना अभी भी सुरक्षित नहीं है। यहां बहने वाली पुनपुन नदी खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर बह रही है। इसका जलस्तर 53.46 मीटर है। बुधवार को इस नदी पर बना रिंग बांध तीन जगह से टूटने से पटना के मुख्य बजार डूब गए। बाढ़ ने पटना के अलावा भागलपुर, नवादा, नालंदा, भोजपुर, लखीसराय, समस्तीपुर, बक्सर, जहानाबाद, वैशाली, दरभंगा और अरवल में भारी तबाही मचाई है। यहां 22 लाख के करीब आबादी पर बाढ़ ने बुरा असर डाला है।
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बाढ़ के चलते सभी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। पटना के राजेंद्रनगर, बजार समिति और सैदपुर सहित समीपवर्ती इलाकों में भी अभी भी 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। रेस्क्यू टीम लगातार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में लगी है।
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बाढ़ की विभीषका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार सरकार ने पानी निकालने के लिए झारखंड और छत्तीसगढ़ से भी मशीनें मंगाई हैं। बावजूद स्थिति में मामूली अंतर आया है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कुमार कहते हैं कि राज्य में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा पड़ा हुआ था। सरकार लोगों के लिए राहत कार्य चला रही थी, इसी बीच भारी बारिश से बाढ़ आ गई। बिहार के 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा जैसी बड़ी नदी भी खतरे को छू रही है।
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बाढ़ के चलते बिहार में 73 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि आशंका है कि आंकड़ा और बढ़ सकता है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
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पटना के तमाम इलाकों में कमर-कमर तक पानी भरा हुआ है। लोगों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। लोगों का आक्रोश है कि अगर पटना जैसा शहर डूब सकता है, तो इससे सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली को अच्छे से समझा जा सकता है।
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पटना की बाढ़ ने कइयों को ऐसे भी दिन दिखाए कि उन्हें खाने के लिए हाथ फैलाने पड़े। राहत शिविरों में फूड पैकेट्स को लेने धक्का-मुक्की तक हो रही है। सरकार ने बुधवार को हेलिकॉप्टर ने 7500 फूड पैकेट गिराए हैं। वहीं राहत शिविरों में अलग से फूड पैकेट्स बांटे जा रहे हैं।
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पटना में जमा पानी अब सड़ने लगा है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा मंडराने लगा है। पटना नगर निगम की 75 टीमें फॉगिंग और ब्लीचिंग के छिड़काव में लगातार लगी हुई है।
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