मन की बातः पीएम मोदी ने शहीद कुंदन के पिता को किया याद, कहा-कानों में गूंज रहीं उनकी वो बात

पटना (Bihar) ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में बिहार के शहीद कुंदन कुमार और उनके पिता का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि शहीद कुंदन के पिता के शब्‍द मेरे कानों में गूंजते हैं। बता दें कि सेना में तैनात कुंदन चीन के बॉर्डर पर 15 जून को शहीद हो गए थे। उनके पांच साल के बेटे ने उन्‍हें मुखाग्नि दी थी। गौरतलब है कि कुंदन के दो बेटे हैं, जबकि भाई में वे इकलौते थे। वहीं, बेटे के शहादत की खबर मिलने पर सहरसा जिले के आरण गांव के रहने वाले कुंदन के पिता नमिंदर सिंह ने कहा था कि मेरा और बेटा होता तो उसे भी सेना में भेजता। लेकिन, मैं अपने पोतों को देश के दुश्‍मनों से लड़ने के लिए सेना में जरूर भेजूंगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2020 2:59 AM IST / Updated: Jun 29 2020, 08:36 AM IST

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मन की बातः पीएम मोदी ने शहीद कुंदन के पिता को किया याद, कहा-कानों में गूंज रहीं उनकी वो बात


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में रविवार को कहा कि बिहार से शहीद कुंदन कुमार के पिता ने कहा कि वह अपने पोतों को भी देश की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों में भेजेंगे। यह हर शहीद के परिवार की आत्मा है। इन परिवारों का बलिदान पूजा के लायक है।
 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। इनके परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने वीर-सपूतों के बलिदान पर, उनके परिजनों में गर्व की जो भावना है, देश के लिए जो जज्बा है, यही तो देश की ताकत है। इसीलिए तो जिनके बेटे शहीद हुए, वो माता-पिता, अपने दूसरे बेटों को भी, घर के दूसरे बच्चों को भी, सेना में भेजने की बात कर रहे हैं। 

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पीएम ने कहा कि देश के सामने कोरोना, टिड्डी और सीमा पर असाधारण स्थिति जैसी तीन प्रमुख चुनौतियां खड़ी हैं। पर, हम इनसे निपटने में सक्षम हैं। पीएम के मन की बात प्रदेश भाजपा दफ्तर में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने से सुना।

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बता दें कि गलवन घाटी में शहीद हुए सहरसा जिले के आरण गांव के जवान कुंदन कुमार को शहीद के बड़े पुत्र रोशन कुमार (05) से मुखाग्नि दी थी। 
 

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शहीद के पांच साल के मासूम पुत्र रोशन को यह अहसास ही नहीं था कि उसके पिता अब कभी उठकर उसे नहीं दुलारेंगे। मुखाग्नि की रस्म अदा करते वक्त वह फूट-फूट कर रो पड़ा था, चिल्लाने लगा पापा को आग मत लगाओ, जल जाएंगे...। वहीं खड़ा उसका चार साल का छोटा भाई राणा भी सुबक रहा था। यह दृश्य देख वहां मौजूद लोगों का कलेजा फटा जा रहा था।

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