सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट में पूरी हुई थी। ये पूरा मामला टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के सामने आने के बाद खुला था। इसमें मुख्य आरोपी के तौर पर ब्रजेश ठाकुर का नाम आया, जो बिहार सरकार के बेहद करीब था।