आमिर ने आगे बताया था कि, 'वो जिन लोगों के साथ काम करना चाहते थे, वो दिलचस्पी नहीं ले रहे थे और उन्होंने महसूस किया कि उन्होंने जो फिल्में की है या उस दौर में कर रहे थे, वो अच्छी नहीं थीं। 'कयामत से कयामत तक' के पहले दो सालों में उन्होंने अपने जीवन की सबसे कमजोर अवस्था का अनुभव किया था, जिन फिल्मों को उन्होंने साइन किया था।'