शिवसेना के बाद अब करन जौहर पर भड़कीं कंगना, कहा-बॉलीवुड उनके और उनके पापा का नहीं; पैसा तो दाउद ने भी कमाया

Published : Sep 15, 2020, 04:38 PM IST

शिवसेना नेता संजय राउत से विवाद के बीच कंगना रनोट ने अब फिल्ममेकर करन जौहर पर निशाना साधा है। कंगना ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को करन जौहर या उनके पापा ने नहीं बनाया। करन जौहर पर कमेंट करने के बाद कंगना की एक्टर और प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी से जमकर बहस हुई।

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शिवसेना के बाद अब करन जौहर पर भड़कीं कंगना, कहा-बॉलीवुड उनके और उनके पापा का नहीं; पैसा तो दाउद ने भी कमाया

कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा, इंडस्ट्री सिर्फ़ करण जौहर/उसके पापा ने नहीं बनाई, बाबा साहेब फाल्के से लेकर हर कलाकार और मज़दूर ने बनाई है, उस फ़ौजी ने जिसने सीमाओं को बचाया, उस नेता ने जिसने संविधान की रक्षा की है, उस नागरिक ने जिसने टिकट ख़रीदा और दर्शक का किरदार निभाया। इंडस्ट्री करोड़ों भारतवासियों ने बनाई है।

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इस पर समाजवादी पार्टी के डिजिटल मीडिया को-ऑर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल ने कंगना पर आरोप लगाया कि वे दूसरों को गाली देकर और उन पर निशाना साधकर आगे बढ़ना चाहती हैं। मनीष ने यह भी लिखा कि इंडस्ट्री को करन जौहर जैसे फिल्म निर्माताओं ने सामूहिक मेहनत से खड़ा किया है।

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इसके बाद इस बहस में एक्टर और प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी भी आ गए। निखिल ने कंगना को जवाब देते हुए लिखा, इस तर्क से फ़िल्म जगत के भी एक एक व्यक्ति ने सारे भारतवर्ष का निर्माण किया है। हर चीज में हमारा भी उसी तरह योगदान है। आपको बनाने में भी। आपकी फिल्मों कि टिकट भी हमने खरीदी हैं। मगर कल को आप कुछ गलत करें या सही तो हम सम्पूर्ण फिल्मजगत को ना तो दोषी ठहरा सकते हैं, ना दाद दे सकते हैं। 

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इस पर कंगना ने पलटवार करते हुए लिखा, क्या निर्माण किया? आइटम नम्बर्ज़ का? अधिकतर वाहियात फ़िल्मों का? ड्रग्स कल्चर का? देशद्रोह और टेररिज्म का? बॉलीवुड पे दुनिया हंसती है, देश का हर जगह मखौल बनाया जाता है, पैसे और नाम तो दाऊद ने भी कमाया है मगर इज़्ज़त चाहिए तो उसे कमाने की कोशिश करो, काली करतूतें छुपाने की नहीं। 

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इस पर निखिल द्विवेदी ने कंगना को जवाब देते हुए लिखा, अगर यह इतनी ही वाहियात जगह थी तो आपको यहां किस चीज ने आकर्षित किया कि आप इतना सब छोड़ के इतनी मुसीबतें सहने के बाद भी यहां डटी रहीं? कुछ तो सही देखा होगा ना आपने भी? वही सही हमें भी दिखता है। काली करतूतों को ज़रूर उजागर कीजिए जैसे कि हर उद्योग कि होनी चाहिए। हम आपका समर्थन करेंगे। 

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इस पर कंगना ने कहा, जी मैं आकर्षित हुई क्योंकि जो माफिया यहां लोगों पे अत्याचार और जुल्म कर रही है, उसकी पोल एक दिन खुलनी थी, और खुल गई। 
 

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इस पर निखिल ने कहा, आपभी जानती हैं यह सत्य नहीं है। आप यहां उन्हीं अच्छी चीज़ों से आकर्षित हुईं, जिनसे हम सब होते हैं। मैं भी आप ही की तरह बाहर से आया था मगर आप जितनी सफलता नहीं मिली। आप में टैलेंट और मेहनत का जज़्बा मुझसे ज्यादा था/है। मगर ना मुझे सफल होने से किसी ने रोका था ना आपको। तभी आप इतनी हुईं। 

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इस पर कंगना ने भी जवाब देते हुए लिखा, आप सच कह रहे हैं, हम सब अपने लिए ही जीते हैं जो भी करते हैं अपने लिए ही करते हैं मगर कभी-कभी हममें से कुछ एक को ज़िंदगी इतना सताती है कि वो हर ख़ौफ़ से आज़ाद हो जाते हैं, ज़िंदगी के मायने बदल जाते हैं, मक़सद बदल जाते हैं, ऐसा भी होता है, यह भी एक सच है।

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