बॉलीवुड की वह फिल्म, जिसने हिला दी थी इंदिरा गांधी की सरकार, बड़े बेटे को हो गई थी दो साल की जेल

एंटरटेनमेंट डेस्क. बॉलीवुड में ऐसी कई फ़िल्में बनी हैं, जो विवादों की भेंट चढ़ गईं। ऐसी ही एक फिल्म 70 के दशक में बनी थी, जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की सरकार हिल गई थी। विवाद इतना बढ़ गया था कि इस फिल्म का अस्तित्व ही ख़त्म कर दिया गया था। लेकिन बाद में इसकी वजह से इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी (Sanjay Gandhi) को 2 साल के लिए जेल जाना पड़ा था। खास बात यह है कि इस फिल्म का निर्माण एक कांग्रेस नेता ने ही किया था। हम बात कर रहे हैं फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' की, जो 1975 में देश में आपातकाल लगने से पहले बनाई गई थी। पढ़िए कैसे इंदिरा सरकार ने पूरी तरह बर्बाद कर दी थी यह फिल्म....

Gagan Gurjar | Published : Jul 14, 2022 5:33 PM IST / Updated: Jul 15 2022, 12:24 PM IST
18
बॉलीवुड की वह फिल्म, जिसने हिला दी थी इंदिरा गांधी की सरकार, बड़े बेटे को हो गई थी दो साल की जेल

'किस्सा कुर्सी का' का निर्माण कांग्रेस से सांसद रहे अमृत नाहटा ने किया था, जो एक राजनीतिक पैरोडी थी। फिल्म के कई पात्र रियल लाइफ किरदारों पर आधारित थे।

28

इमरजेंसी से ठीक पहले नाहटा ने अप्रैल 1975 में फिल्म सेंसर बोर्ड के पास भेजी, जिसमें शबाना आजमी, राज बब्बर और मनोहर सिंह लीड रोल में थे। नाहटा उस वक्त कांग्रेस से सांसद थे।

38

सेंसर बोर्ड फिल्म सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास भेज दिया, जहां से इस पर 51 आपत्तियां दर्ज कराई गईं और सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया।

48

सरकार को खासकर उस वक्त के सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ल और इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी को सिर्फ बैन लगाकर तसल्ली नहीं हुई। दोनों ने फिल्म के सभी प्रिंट, यहां तक की मास्टर प्रूफ तक गुड़गांव,  हरियाणा स्थित मारुति फैक्ट्री में भेजकर जलवा दिए।

58

1977 में इमरजेंसी हटते ही अमृत नाहटा ने संजय गांधी और विद्याचरण शुक्ल के खिलाफ फिल्म के प्रिंट चुराने और उन्हें नष्ट करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दज कराया। उन्होंने दावा किया कि संजय गांधी ने फिल्म में अपनी मां का चित्रण देखने के बाद यह अपराध किया था।

68

संजय गांधी और विद्याचरण शुक्ल को निचली अदालत द्वारा मास्टर प्रिंट नष्ट करने का दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई गई। बताया जाता है कि संजय गांधी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन जमानत नहीं मिली और उन्हें कुछ रातें जेल में बितानी पड़ी थीं। 

78

1980 में इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं। इसके 10 दिन बाद ही संजय गांधी के खिलाफ जांच करने और उन्हें दोषी ठहराने वाले डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एन के सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उसे छोड़ भी दिया गया। बताया जाता है कि सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिसकर्मियों ने दिल्ली में जमकर प्रदर्शन किया था। 

88

बाद में अमृत नाहटा ने केस वापस ले लिया था।  1977 में उन्होंने 'किस्सा कुर्सी का' का पुनः निर्माण किया। लेकिन इस बार स्टारकास्ट बदल चुकी थी। राज बब्बर की जगह राज किरण नज़र आए थे। फिल्म में शबाना आजमी, उत्पल दत्त, रिहाना सुल्तान और सुरेखा सीकरी की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

और पढ़ें...

EMERGENCY से पहले ये 8 एक्ट्रेस कर चुकीं इंदिरा गांधी का रोल, 7वें नंबर वाली तो कंगना रनोट पर भी भारी

Emergency First Look: इंदिरा गांधी बनी कंगना रनोट पहचानना भी मुश्किल, बोलने का तरीका तक कर लिया कॉपी

SHOCKING: पंखे से खुद नहीं लटके थे सुशांत सिंह राजपूत! बहन प्रियंका ने उस दिन ऐसा क्या देखा था?

बॉलीवुड की वह साजिश, जिसके चलते साउथ के इस सुपरस्टार को छोड़नी पड़ी थी इंडस्ट्री

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos