हरी साड़ी, बालों में गजरा और बड़ी नथ पहने बप्पा के दर्शन करने पहुंची कंगना, भाई-भाभी भी थे साथ

मुंबई. कंगना रनोट (kangana ranauat) मंगलवार सुबह-सुबह मुंबई के सिद्धी विनायक मंदिर (sidhi vinayak temple) बप्पा के दर्शन करने पहुंची। इस मौके पर वे चारों तरफ से टाइट सिक्युरिटी के साथ नजर आई। मंदिर के बाहर स्पॉट हुई कंगना ने हरी गोल्डन बॉर्डर की साड़ी पहन रखी थी। उन्होंने बालों में गजरा, माथे पर बिंदी और बड़ी सी नथ के साथ अपने लुक को कम्पलीट किया था। कंगना का ओवरऑल लुक बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था। इस दौरान वे काफी खुश भी नजर आई। मीडिया फोटोग्राफर्स को देखते ही कंगना ने दोनों हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। पोज देते वक्त पूरे समय कंगना ने मास्क नहीं पहन रखा था। हालांकि, बाद में उन्होंने फेस पर मास्क लगा लिया था। बता दें कि कंगना सोमवार को मुंबई पहुंची थी।  

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2020 7:25 AM IST / Updated: Dec 29 2020, 03:25 PM IST

17
हरी साड़ी, बालों में गजरा और बड़ी नथ पहने बप्पा के दर्शन करने पहुंची कंगना, भाई-भाभी भी थे साथ

मंदिर में दर्शन करने के दौरान कंगना के साथ उनका भाई- भाभी और बहन रंगोली भी साथ थे। उनकी भाभी रितु ने भी हरे रंग की साड़ी कैरी कर रखी थी।

27

मुंबई पहुंचने के एक दिन बाद ही कंगना भारी सुरक्षा के बीच मुंबा देवी और सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन करने पहुंचीं। इस दौरान कंगना ने मीडिया से भी बात की और सवालों के जवाब भी दिए।

37

कंगना ने मंदिर से न‍िकलकर कहा- मुंबई में रहने के ल‍िए मुझे स‍िर्फ गणपति बप्‍पा के परम‍िशन की जरूरत है। और क‍िसी से परम‍िशन लेने की मुझे जरूरत नहीं है।

47

बता दें कि कंगना काफी समय से अपने घर मनाली में रह रही थीं। इससे पहले वह अपनी फिल्म थलाइवी की शूटिंग में व्यस्त थीं। नए साल पर कंगना के हाथ में ढेरों फिल्में हैं।

57

हाल ही में कंगना ने सोशल मीडिया पर बताया था कि वह जनवरी 2021 में अपनी अपकमिंग फिल्म धाकड़ की शूटिंग में बिजी हो जाएगी। इस फिल्म में कंगना एजेंट अग्नि के रोल में नजर आएगी। इनके अलावा वे फिल्म तेजस में भी काम कर रही है, जिसमें वह इंडियन एयरफोर्स के रोल में दिखेगी।

67

आपको बता दें कि कंगना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। हाल ही में बर्फबारी का लुत्फ उठाते एक वीडियो उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया था। इस वीडियो में बैकग्राउंड में कंगना की खूबसूरत कविता राख सुनाई दे रही है।

77

कंगना की कविता है- मेरी राख गंगा में मत बहाना। हर नदी सागर के साथ जाकर मिलती है। मुझे सागर की गहराइयों से डर लगता है। मैं आसमान को छूना चाहती हूं। मेरी राख को पहाड़ों पर बिखेर देना। जब सूरज उगे तो मैं उसे छू सकूं।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos