दोस्त की खातिर नाना पाटेकर ने गिरवी रखा था अपना घर, इस वजह से बड़े बेटे से नफरत करता था एक्टर
मुंबई. नाना पाटेकर 69 साल के हो चुके हैं। 1 जनवरी, 1951 को महाराष्ट्र के रायगड़ जिले के मुरुद-जंजीरा में पैदा हुए नाना पाटेकर ने 1978 में आई फिल्म 'गमन' से डेब्यू किया था। कई सुपरहिट फिल्मों में काम करने वाले नाना की जिंदगी काफी संघर्षभरी रही है। नाना पाटेकर की चर्चा जितनी एक्टिंग को लेकर होती है उतनी ही चर्चा उनके विवादों की भी रहती है। हालांकि, नाना उन लोगों में से है जो दोस्ती निभाना बखूबी जानते हैं। एक बार तो उन्होंने अपने दोस्त की खातिर अपना घर तक गिरवी रख दिया था।
Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 5:40 AM IST / Updated: Jan 05 2020, 09:59 AM IST
रिपोर्ट्स की मानें तो दोस्ती के मामले में नाना का दिल बहुत बड़ा है। एक बार अपने दोस्त डायरेक्टर एन चंद्रा की मदद के लिए उन्होंने अपना घर तक गिरवी रख दिया था। बाद में हालात ठीक होने के बाद एन चंद्रा ने उन्हें रुपए वापस लौटाए साथ ही गिफ्ट में एक स्कूटर भी दिया था।
नाना पाटेकर केवल 27 साल के थे जब नीलाकांति से उनकी शादी हुई थी, जो एक बैंक ऑफिसर थीं और थियेटर भी करतीं थीं। शादी के कुछ समय बाद ही दोनों के घर बेटे का जन्म हुआ लेकिन वो कभी अपने बेटे को पसंद नहीं करते थे क्योंकि जन्म से ही उसे सेहत से जुड़ी परेशानियां थीं और उसके होंठ पर कटे का निशान था।
बताया जाता है कि एक दिन नाना और उनका बेटा घर पर अकेले थे कि तभी वो खेलते हुए अपने पिता को बुलाने लगा और उसी पल नाना ने उसे गोद में उठा लिया और बहुत प्यार से गले लगाया। उस पल उन्हें अहसास हुआ कि वो अपने बच्चे के साथ कितना गलत कर रहे थे। हालांकि, उनके दो साल के बेटे की तबीयत खराब होने लगी थी। नाना और उनकी पत्नी ने अपने बेटे को खूब इलाज भी करवाया लेकिन वो जिंदा नहीं बच पाया।
नाना पाटेकर 7 भाई-बहन थे, जिनमें से 5 की मौत हो चुकी है। केवल नाना और उनके बड़े भाई दिलीप ही जीवित हैं।
नाना पाटेकर की चर्चा जितनी एक्टिंग को लेकर होती है उतनी ही चर्चा उनके विवादों की भी रहती है। नाना के बारे में कहा जाता है कि जिस डायरेक्टर के साथ वे काम करते हैं उसके साथ उनका एक बार झगड़ा जरूर होता है। इसीलिए नाना जब फिल्म साइन के बाद एग्रीमेंट करते हैं तो उसमें कम से कम एक बार झगड़ा करने की शर्त भी मेंशन कराते हैं।
एक इंटरव्यू में नाना ने बताया था कि मिडिल क्लास फैमिली में पले बढ़े होने के साथ कैसे एक झटके में दुनिया बदल गई थी। नाना ने बताया था-मेरे पिता टेक्सटाइल पेंटिंग में थे और एक छोटा सा बिजनेस चलाते थे। जब मैं 13 साल का था तो मेरे पिता के एक करीबी ने उनकी प्रॉपर्टी समेत सब कुछ धोखे से हड़प लिया था। इसके बाद हम एक-एक रोटी को मोहताज हो गए थे।
उन्होंने बताया था- मुझे 13 साल की उम्र में काम करना पड़ा था। स्कूल के बाद मैं 8 किलोमीटर दूर चलकर जाता था और फिल्मों के पोस्टर्स पेंट करता था। तब कहीं जाकर एक वक्त की रोटी नसीब हो पाती थी। उस दौरान मुझे 35 रुपए महीने मिलते थे।
नाना ने स्कूली दिनों में थियेटर करना शुरू किया था और इसके बाद एप्लाइड आर्ट कॉलेज के बाद एक एड एजेंसी ज्वाइन की थी। मैं स्मिता पाटिल की वजह से फिल्मों में आया था। वे मुझे पुणे के दिनों से जानती थीं। मैंने उन्हें मना किया था लेकिन वे मुझे रवि चोपड़ा के पास ले गई थीं। इस फिल्म का नाम आज की आवाज था, जिसमें मेरा नेगेटिव रेपिस्ट का किरदार था।