मसाबा कहती हैं, "उन्होंने कभी हमारे रिश्ते में जहर घोलने की कोशिश नहीं की। अब मैं बालिग़ हूं और मुझे मालूम है कि पापा के साथ मेरा रिश्ता बहुत अच्छा है। उन्होंने (नीना) मुझे अपने फैसले लेने की आजादी दी है। वे मुझे तय करने देती हैं कि मेरी जिंदगी में किस इंसान की क्या भूमिका होनी चाहिए।"