मुंबई. साउथ सुपरस्टार प्रभास और बॉलीवुड एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर की 'साहो' शुक्रवार 30 अगस्त को रिलीज की गई। फिल्म ने पहले दिन हिंदी भाषा में 24 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है। हालांकि फिल्म से उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस साल की सभी फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ देगी। लेकिन अपनी इस कमाई के साथ 'साहो' इस साल की फर्स्ट डे पर सबसे ज्यादा कमाने वाली लिस्ट में तीसरे स्थान पर जगह बनाने में कामयाब हो पाई है। वहीं सलमान खान की 'भारत' पहले स्थान पर 42 करोड़ और दूसरे स्थान पर 29.16 करोड़ के साथ अक्षय कुमार की 'मिशन मंगल' बरकरार है। बता दें, 'मिशन मंगल' का कुल बजट 32 करोड़ था। 'साहो' को क्रिटिक्स से मिला जुला रिएक्शन मिला है। तरण आदर्श ने फिल्म को 1.5/5 रेटिंग दी है। तो ऐसे में बताते हैं फिल्म के वो 5 प्वॉइंट, जो इसे कमजोर बनाते हैं...
कमजोर कहानी... फिल्म की कहानी में ढेर सारे विलेन्स और बेवजह के ट्विटस्ट दर्शकों तंग करने लगते हैं, जो कि दर्शकों को सीट से बांधने में कमजोर साबित होते हैं। फिल्म में कुल मिलाकर प्रभास का एक्शन दिखाया है। ये मूवी एक्शन प्रेमियों के लिए अच्छी है। कुल मिलाकर फिल्म के डायरेक्टर सुजीत ने एक कमजोर कहानी को 'बाहुबली' बनाने की कोशिश की है। (फोटो सोर्स: इंस्टाग्राम)
डायरेक्शन... फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श के मुताबिक फिल्म का डायरेक्शन भी कमजोर है। क्योंकि डायरेक्टर ने एक सिंपल कहानी पर भव्य एक्शन को दिखाने की कोशिश की है। इसके साथ ही एक्शन के बीच रोमांस का तड़का डाला गया है, जो कि कहीं ना कहीं दर्शकों और फिल्म के बीच दूरियां बनाता है। (फोटो सोर्स: इंस्टाग्राम)
रोमांस बना सिरदर्द... 'साहो' की कहानी दो हजार करोड़ की चोरी की है और उसके बाद ब्लैक बॉक्स का चक्कर है। चोरी, और विलेन्स की दादागिरी के बीच सबको याद आती है अंडरकवर पुलिस अफसर प्रभास की। प्रभास की एंट्री के साथ ही एक्शन का भूचाल आता है, लेकिन 'साहो' में जैसे ही श्रद्धा कपूर की एंट्री होती है, तो फिल्म की रफ्तार पर लगाम लग जाती है। एक्शन के बीच रोमांस दर्शकों और फिल्म के बीच बाधा बनता नजर आता है, जिससे ये रोमांस ही लोगों के लिए सिरदर्द बनता है। (फोटो सोर्स: इंस्टाग्राम)
स्क्रीनप्ले... 'साहो' का स्क्रीनप्ले भी अच्छा नहीं बताया जा रहा है। फिल्म में जहां चंकी पांडेय का रोल सबका ध्यान आकर्षित करता है। वहां श्रद्धा कपूर का कैरेक्टर कुछ खास आकर्षक नहीं होता है। एक्ट्रेस का कैरेक्टर खराब ढंग से लिखा गया है, इसलिए वे कोई रंग नहीं जमा पाती हैं। (फोटो सोर्स: इंस्टाग्राम)
सॉन्ग्स... 'साहो' का म्यूजिक अच्छा है, लेकिन इसमें सॉन्ग फिल्म की रफ्तार को धीमी करने का काम करते हैं। (फोटो सोर्स: इंस्टाग्राम)