यह 1994 में तब की बात है, जब नम्बी नारायणन ISRO के क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन प्रोजेक्ट को लीड कर रहे थे और रूस से तकनीक हासिल कर रहे थे। 30 नवम्बर 1994 को उनके घर तीन पुलिसवाले पहुंचे। उस वक्त नम्बी को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है। उन्होंने पुलिसवालों से पहला सवाल पूछा, 'क्या मैं गिरफ्तार हो गया हूं।' जवाब में पुलिसवालों ने कहा था, 'नहीं'।