संजय मिश्रा के मुताबिक, जब मैं बीमार था तो मुझे कई एंटीबायोटिक दवाओं का डोज दिया जाता था। कई बार वो बहुत ज्यादा होता था, जिससे मुझे चिड़चिड़ाहट होती थी। वहीं, अस्पताल से घर आते ही थिएटर में लोगों का शोरशराबा सुनकर मैं बेहद परेशान हो गया था, जिसकी वजह से गुस्से पर काबू नहीं रख पाया और पिताजी पर चिल्ला दिया।