जानें कौन सा बैंक दे रहा है सेविंग्स अकाउंट पर सबसे ज्यादा ब्याज, कहां अकाउंट खोलने पर मिलेगा अच्छा रिटर्न

बिजनेस डेस्क। आजकल बैंक सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) पर सबसे कम ब्याज दे रहे हैं। दूसरी तरफ, ज्यादातर लोगों के बैंकों में सेविंग्स अकाउंट ही होते हैं। यह प्राइमरी अकाउंट है। यह अकाउंट खोलने के बाद ही लोग दूसरे तरह के निवेश बैंकों में करते हैं। बैंकों से कर्ज वगैरह की सुविधा लेने के लिए सेविंग्स अकाउंट का होना जरूरी है। एक तरफ सरकारी बैंक जहां सेविंग्स अकाउंट पर कम ब्याज दे रहे हैं, वहीं प्राइवेट सेक्टर के कुछ बैंक इस पर अच्छा-खासा ब्याज दे रहे हैं। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ बैंकों के बारे में।
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 18, 2021 8:26 AM IST

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जानें कौन सा बैंक दे रहा है सेविंग्स अकाउंट पर सबसे ज्यादा ब्याज, कहां अकाउंट खोलने पर मिलेगा अच्छा रिटर्न

ये बैंक दे रहे 7 फीसदी तक ब्याज
बता दें कि प्राइवेट सेक्टर का बंधन बैंक सेविंग्स अकाउंट पर सबसे ज्यादा 7.15 फीसदी ब्याज दे रहा है। वहीं, आरबीएल बैंक 6.50 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। इंडसइंड बैंक 6 फीसदी. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 6 फीसदी और यस बैंक 5.50 फीसदी तक ब्याज दे रहा है।
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सरकारी क्षेत्र  के बैंकों में क्या है ब्याज दर
सराकरी क्षेत्र में अगर आप पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स अकाउंट खोलते हैं, तो आपको 4 फीसदी ब्याज मिलेगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी 4 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। पंजाब नेशनल बैंक 3.50 फीसदी ब्याज दे रहा है, वहीं बैंक ऑफ इंडिया 2.90 फीसदी ब्याज दे रहा है। सबसे कम ब्याज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दे रहा है। यह बैंक सेविंग्स अकाउंट पर 2.70 फीसदी ब्याज दे रहा है।
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ब्याज से कितनी इनकम है टैक्स फ्री
बता दें कि सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत ब्याज से सालाना 10 हजार रुपए की इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। सीनियर सिटिजन के लिए 50 हजार रुपए की ब्याज से होने वाली इनकम  टैक्स फ्री है। इससे ज्यादा इनकम पर टीडीएस कटता है।
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कब नहीं काटा जाता TDS
अगर सेविंग्स अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट से सालाना ब्याज की आया 10 हजार से ज्यादा है, तो जरूरी नहीं कि टीडीएस कटे ही। अगर ब्याज की इनकम ते साथ कुल आय इतनी नहीं है कि उस पर टैक्स लगे, तो टीडीएस नहीं काटा जाता है।
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फॉर्म 15G और फॉर्म 15H
टीडीएस नहीं काटा जाए, इसके लिए सीनियर सिटिजन्स को बैंक में फॉर्म 15H और दूसरे लोगों को फॉर्म 15G जमा करना पड़ता है। ये खुद ही घोषणा किए जाने वाले फॉर्म हैं।
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टैक्स के दायरे रखा जाता है बाहर
जो लोग ये फॉर्म भर कर बताते हैं कि उनकी इनकम टैक्स के दायरे से बाहर है, तो बैंक इस घोषणा की सत्यता की जांच करता है। अगर ऐसे लोगों की इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होती है, तो उनके फॉर्म के आधार पर टैक्स से छूट मिलती है।
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