बजट के दिन बदला गोल्ड का भाव : जानें क्या है नया रेट, इंटरनेशनल मार्केट में कैसा है सोने का कारोबार
बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharman) आज साल 2021-22 का बजट पेश कर रही हैं। इससे पहले सोने की कीमत (Rate of Gold) में बदलाव देखा जा रहा है। बजट के दिन मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर फरवरी डिलिवरी वाला सोना (Gold) 274 रुपए की तेजी से साथ खुला। पिछले सत्र में यह 49096 रुपए के भाव पर बंद हुआ था। सुबह साढ़े 9 बजे यह 108 रुपए यानी 0.22 फीसदी की तेजी के साथ 49204 रुपए पर ट्रेड कर रहा था। सुबह इसने 48803 रुपए का न्यूनतम और 49400 रुपए का उच्चतम स्तर छू लिया। अप्रैल डिलिवरी वाला सोना भी 73 रुपए की तेजी के साथ 49510 रुपए पर ट्रेड कर रहा था। (फाइल फोटो)
साल 2020 सोने के लिए बहुत ही शानदार रहा। बीते साल सोने की कीमत में करीब 28 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हुई। अगस्त के महीने में सोने-चांदी के भाव ने एक नया रिकॉर्ड ही बना दिया था। इसने अपना ऑल टाइम हाई स्तर छू लिया था। (फाइल फोटो)
सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत नहीं बढ़ी, बल्कि दुनिया के स्तर पर भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ। इससे पहले साल 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोत्तरी की दर ज्यादा थी। (फाइल फोटो)
भारत में सोने की कीमत ग्लोबल ट्रेंड्स से प्रभावित होती है। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने की वजह से ग्लोबल इकनॉमिक रिकवरी मुश्किल हो रही है। इसके अलावा, दुनियाभर में कम ब्याज दरों और यूएस डॉलर में कमजोरी सोने के लिए सकारात्मक हो सकती है। अभी गोल्ड स्पॉट 1900 डॉलर प्रति औंस के आसपास है। इस साल यह 1980 डॉलर और फिर 2050 डॉलर तक जा सकती है। (फाइल फोटो)
रियल एस्टेट की तुलना में सोने ने काफी ज्यादा रिटर्न दिया है। रियल एस्टेट की कीमतों में पिछले कुछ समय से ठहराव आ गया है। होम प्राइस इंडेक्स 2020-21 की दूसरी तिमाही में 1.1 फीसदी बढ़ा, जबकि उससे पिछली तिमाही में यह 2.8 फीसदी और पिछले साल की समान तिमाही में 3.3 फीसदी बढ़ा था। 2020 में गोल्ड ने सभी एसेट क्लास में सबसे बढ़िया रिटर्न दिया। इसने शेयर और रियल एस्टेट से अच्छा रिटर्न दिया। पिछले साल बीएसई सेंसेक्स ने 15.75 फीसदी रिटर्न दिया। (फाइल फोटो)
दुनियाभर में प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती करके इसे लगभग शून्य कर दिया है। कम से कम अगले एक साल तक यह इसी स्तर पर रहेगा। साथ ही, मार्केट में लिक्विडिटी मुहैया कराने के लिए भी सेंट्रल बैंक अलग रवैया अपना रहे हैं। इन सबका इकोनॉमी पर असर होगा और इससे सोने की कीमतों में तेजी आएगी। (फाइल फोटो)
सोने का भाव पिछले साल अगस्त में 56200 रुपए के ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में इसमें करीब 7000 रुपए की गिरावट आई है। कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम से पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिए उम्मीद की किरण नजर आ रही है। वहीं, अमेरिका की ओर से ज्यादा बढ़ावा देने वाले उपायों और 1.9 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज से आने वाले दिनों में सोने की कीमत में तेजी आने की उम्मीद है। (फाइल फोटो)
बाजार के जानकारों का मानना है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, ईजी मनी पॉलिसी और डॉलर में कमजोरी से आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में तेजी आएगी। अगले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का स्पॉट प्राइस 1920 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है, जबकि MCX पर यह 50400 रुपए प्रति 10 ग्राम के रेट तक पहुंच सकता है। अभी इंटरनेशनल मार्केट में यह 1,862.30 डॉलर प्रति औंस चल रहा है, जबकि MCX पर शुक्रवार को यह 49190 रुपए के भाव पर बंद हुआ। (फाइल फोटो)
सोने की तरह डॉलर को भी निवेश के लिहाज से सेफ हैवन माना जाता है। पिछले साल डॉलर की कीमत में 6 फीसदी की गिरावट आई थी और इस साल इसके और गिरने की संभावना है। डॉलर की कीमत में गिरावट और सोने की कीमत का आपस में संबंध है। अगर डॉलर और ज्यादा गिरता है तो आने वाले महीनों में सोने की कीमत में तेजी आएगी। वहीं, अगर डॉलर मजबूत होता है तो सोने में गिरावट आएगी। जनवरी में डॉलर 1.4 फीसदी मजबूत हुआ है। इससे जनवरी में सोने की कीमत 3 फीसदी गिर चुकी है। (फाइल फोटो)