इन्वेस्टमेंट के लिए अब लोगों की पसंद बन रहा कॉरपोरेट बॉन्ड, जानें इसमें कितना है मुनाफा
बिजनेस डेस्क। इन्वेस्टमेंट के लिए कॉरपोरेट बॉन्ड (Corporate Bond) अब लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं। यह अलग बात है कि इसके बारे में दूसरी निवेश योजनाओं की तरह पूरी जानकारी की कमी है। एक अनुमान के मुताबिक, घरेलू बाजार में कॉरपोरेट बॉन्ड की सप्लाई वित्त वर्ष 2024-24 तक दोगुना हो जाने का अनुमान है। रेटिंग एजेसी क्रिसिल (CRISIL) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 तक कॉरपोरेट बॉन्ड की मांग बढ़कर 60-65 लाख करोड़ रुपए होने की संभावना है। जानें इसके बारे में विस्तार से।
(फाइल फोटो)
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक कॉरपोरेट बॉन्ड में 50 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन फाइनेंशियल सेक्टर का होगा। वहीं, 5 से 10 लाख करोड़ रुपए के लिए विदेशी निवेश की जरूरत होगी। बता दें कि कॉरपोरेट बॉन्ड कंपनियों की तरफ से जारी किए जाते हैं। (फाइल फोटो)
कई कंपनियां बैंक लोन के ऑप्शन के तौर पर बॉन्ड जारी कर पूंजी जुटाती है। कोई कॉरपोरेट बॉन्ड निवेश के लिए कितना सुरक्षित है, इसका पता रेटिंग एजेंसियों द्वारा जारी क्रेडिट रेडिंग से किया जा सकता है। AAA रेटिंग वाली कंपनियों के बॉन्ड सबसे ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। इनमें AA रेटिंग वाली बॉन्ड के मुकाबले जोखिम कम होता है। (फाइल फोटो)
साल 2020 में 33 लाख करोड़ रुपए के कॉरपोरेट बॉन्ड जारी किए गए थे। यह जीडीपी का 16 फीसदी है। साल 2025 तक इसके 22 से 24 फीसदी हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। 2020-21 में देश की जीडीपी 194.82 लाख करोड़ रुपए है। (फाइल फोटो)
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट को दोगुना करने में 25 फीसदी योगदान रिटायरमेंट फंड का भी होगा। इन्श्योरेंस, म्यूचुअल फंड और रेग्युलेटरी का कॉन्ट्रिब्यूशन भी 20 फीसदी के करीब हो सकता है। (फाइल फोटो)
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ऐसे डेट म्यूचुअल फंड स्कीम होते हैं, जो कॉरपोरेट बॉन्ड या नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में निवेश करते हैं। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड आमतौर पर हाई क्वालिटी वाले साधनों में निवेश करते हैं। इसलिए इन फंडों का क्रेडिट जोखिम दूसरे डेट फंड के मुकाबले कम होता है। (फाइल फोटो)
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में कॉरपोरेट बॉन्ड निवेश का मुख्य जरिया बन सकते हैं। जो लोग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, वे इस तरफ आ सकते हैं। इसमें म्यूचुअल फंड्स की तुलना में जोखिम कम और मुनाफा ज्यादा है। जोखिम का अंदाज इसमें क्रेडिट रेटिंग के जरिए पहले से लगाया जा सकता है। (फाइल फोटो)