टर्म इन्श्योरेंस और लाइफ इन्श्योरेंस में क्या है फर्क, जानें दोनों के क्या हैं फायदे और नुकसान

बिजनेस डेस्क। इन्श्योरेंस पॉलिसी लेना आज के समय में लोगों की जरूरत हो गई है। किसी तरह की संकट की स्थिति में इन्श्योरेंस पॉलिसी काफी काम आती है। इससे खुद और फैमिली को सुरक्षा मिलती है। इसके साथ इन्श्योरेंस पॉलिसी के मेच्योर होने पर अच्छा-खासा रिटर्न भी मिलता है। आज मार्केट में कई तरह की इन्श्योरेंस पॉलिसी मौजूद है। करोना महामारी और दूसरी बीमारियों के बढ़ते खर्च को देखते हुए हेल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी लेना भी जरूरी है। आम तौर पर मार्केट में दो तरह की इन्श्योरेंस पॉलिसी मौजूद है। एक टर्म इन्श्योरेंस और दूसरा ट्रेडिशिनल लाइफ इन्श्योरेंस पॉलिसी। इन दोनों पॉलिसी के अपने फायदे और नुकसान हैं। इसलिए इन्हें खरीदने के पहले इन दोनों पॉलिसी के फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह जान लेना जरूरी है। इससे यह निर्णय करने में सुविधा होगी कि कौन-सी पॉलिसी लेनी चाहिए।
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2021 8:24 AM IST / Updated: Mar 01 2021, 02:09 PM IST

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टर्म इन्श्योरेंस और लाइफ इन्श्योरेंस में क्या है फर्क, जानें दोनों के क्या हैं फायदे और नुकसान
टर्म इन्श्योरेंस और ट्रेडिशिनल लाइफ इन्श्योरेंस में सबसे बड़ा फर्क डेथ बेनिफिट का है। टर्म इन्श्योरेंस में टर्म पीरियड के दौरान पॉलिसी धारक की मौत होने पर बेनिफिट मिलता है। वहीं, लाइफ इन्श्योरेंस पॉलिसी मे डेथ बेनिफिट के साथ मेच्योरिटी बेनिफिट भी मिलता है। (फाइल फोटो)
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एक अंतर यह भी है कि टर्म इन्श्योरेंस प्लान में मिलने वाली डेथ बेनिफिट की राशि लाइफ इन्श्योरेंस में मिलने वाले मेच्योरिटी बेनिफिट से ज्यादा होती है। ज्यादातर लोग लाइफ इन्श्योरेंस में निवेश दोनों बेनिफिट लेने के लिए करते हैं, लेकिन कम से कम एक टर्म इन्श्योरेंस लेने पर प्रीमियम देकर ज्यादा फायदा लिया जा सकता है। (फाइल फोटो)
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टर्म इन्श्योरेंस में व्यक्ति की मौत होने की स्थिति में उसकी फैमिली को बेनिफिट मिलता है। वहीं, टर्म इन्श्योरेंस में लाइफ इन्श्योरेंस की तरह मेच्योरिटी रिटर्न नहीं मिलता है। (फाइल फोटो)
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जो लोग ज्यादा प्रीमियम नहीं भर सकते और सिर्फ डेथ रिस्क को कवर करना चाहते हैं, तो वे टर्म इन्श्योरेंस ले सकते हैं। वहीं, अगर कोई लाइफ कवर के साथ इन्वेस्टमेंट पर फायदा भी लेना चाहता है, तो ट्रेडिशनल लाइफ इन्श्योरेंस में निवेश करना चाहिए। (फाइल फोटो)
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टर्म इन्श्योरेंस पॉलिसी को सरेंडर करना लाइफ इन्श्योरेंस के मुकाबले कहीं ज्यादा आसान है। टर्म इन्श्योरेंस प्लान में अगर व्यक्ति प्रीमियम भरना बंद कर दे, तो बेनिफिट मिलना बंद हो जाएगा और पॉलिसी भी खत्म हो जाएगी। वहीं, लाइफ इन्श्योरेंस में मेच्योरिटी बेनेफिट तभी मिलता है, जब व्यक्ति पॉलिसी का पूरा टेन्योर पूरा करता है। (फाइल फोटो)
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लाइफ इन्श्योरेंस में अगर व्यक्ति टर्म के बीच में पॉलिसी को खत्म कर देता है, तो उसे सिर्फ प्रीमियम की राशि वापस मिलती है और वह भी कुछ कटौती के साथ। वहीं, ज्यादातर टर्म इन्श्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू भी किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
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लाइफ इन्श्योरेंस पॉलिसी में अगर व्यक्ति ज्यादा कवरेज चाहता है, तो उसे अधिक प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इसके अलावा लाइफ इन्श्योरेंस पॉलिसी में कम रिटर्न मिलता है। इसकी तुलना में टर्म इन्श्योरेंस ज्यादा सस्ता होता है। इसमे कम कीमत पर ज्यादा कवरेज मिलता है, लेकिन किसी तरह का कोई रिटर्न नहीं मिलता। (फाइल फोटो)
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