बढ़ सकती है रिपेमेंट की अवधि
रिस्ट्रक्चरिंग में लोन के रिपेमेंट की अवधि बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, बैंक तय शर्तों के तहत ब्याज देनदारी की अवधि में भी बदलाव कर सकता है। यह हर मामले में अलग-अलग हो सकता है। रिस्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन सबसे अंत में चुना जाता है। ऐसा तब किया जाता है, जब कर्ज लेने वाला डिफॉल्ट कर सकता है। कोरोना महामारी की वजह से लोगों के सामने संकट पैदा हो गया है और वे कर्ज अदायगी कर पाने में पूरी तरह सक्षम नहीं रह गए हैं।
(फाइल फोटो)