SBI ने नियम में किया बदलाव, अब ATM से ट्रांजैक्शन फेल होने पर देनी होगी पेनल्टी
बिजनेस डेस्क। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एटीएम ट्रांजैक्शन (ATM Transaction) से संबंधित नियम में बदलाव किया है। अब अगर बैंक कस्टमर के अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं है और वह एटीएम से पैसे निकाल रहा है, तो ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में उसे पेनल्टी देनी होगी। बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), कोटक महिन्द्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), एक्सिस बैंक (Axix Bank) और यस बैंक (Yes Bank) में यह नियम पहले से लागू है। अब स्टेट बैंक ने भी यह नियम लागू कर दिया है। जानें एटीएम ट्रांजैक्शन फेल होने पर कितनी देनी होगी पेनल्टी और इससे क्या जुड़े हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियम। (फाइल फोटो)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की वेबसाइट के मुताबिक, कस्टमर के अकाउंट में अगर पर्याप्त बैलेंस नहीं है और वह एटीएम से ट्रांजैक्शन करता है, तो उसे पेनल्टी के तौर पर 20 रुपए और साथ में जीएसटी भी देना होगा। इसके अलावा, बैंक नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए भी चार्ज वसूल करेगा। (फाइल फोटो)
स्टेट बैंक फिलहाल सेविंग्स अकाउंट पर एक महीने में 8 बार बिना कोई चार्ज लिए एटीएम ट्रांजैक्शन की सुविधा देता है। इसमें स्टेट बैक के एटीएम से 5 बार और दूसरे बैंकों के एटीएम से 3 बार ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलती है। नॉन-मेट्रो शहरों में स्टेट बैंक 10 मुफ्त एटीएएम ट्रांजैक्शन की सुविधा देता है। इसमें एसबीआई के एटीएम से 5 और दूसरे बैंकों के एटीएम से 5 बार ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
स्टेट बैंक के एटीएम से 10 हजार रुपए या इससे ज्यादा निकालने के लिए ओटीपी (OTP) की जरूरत पड़ती है। स्टेट बैंक के सभी एटीएम पर यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है। बता दें ति सिक्युरिटी के लिहाज से स्टेट बैंक ने 1 जनवरी 2020 से ओटीपी का इस्तेमाल जरूरी कर दिया था। (फाइल फोटो)
स्टेट बैंक के एटीएम से 10 हजार रुपए या इससे ज्यादा निकालने पर एटीएम की स्क्रीन पर ओटीपी डालने का ऑप्शन आता है। यह ओटीपी कस्टमर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता है। ओटीपी आधारित कैश विदड्रॉअल की सुविधा स्टेट बैंक के सभी एटीएम पर उपलब्ध है। (फाइल फोटो)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2019 में ऐसे ट्रांजैक्शन के लिए नियम बनाए थे, जो फेल हो जाते हैं और जिसके लिए कस्टमर की कोई जिम्मेदारी नहीं होती। रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक, जब कस्टमर की गलती से ट्रांजैक्शन फेल होता है, तब उस पर पेनल्टी लगाई जा सकती है। जहां तक बैंक अकाउंट में पर्याप्त अमाउंट नहीं रहने का सवाल है, इसमें ट्रांजैक्शन करने वाले कस्टमर की गलती होती है। उसे पता होना चाहिए कि उसके अकाउंट में कितना अमाउंट है। वहीं, कुछ मामलों में एटीएम ट्रांजैक्शन फेल होने के पीछे कस्टमर की कोई गलती नहीं होती। ऐसे मामलों में बैंक को कस्टमर को मुआवजा देना पड़ता है। (फाइल फोटो)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक, कम्युनिकेशन लिंक में गड़बड़ी, एटीएम में कैश नहीं होने और टाइम आउट सेशन्स की वजह से एटीएम ट्रांजैक्शन फेल होता है, तो इसके लिए कस्टमर जिम्मेदार नहीं होगा। (फाइल फोटो)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फेल हो गए ट्रांजैक्शन पर कस्टमर की शिकायतों के निपटारे के लिए और रकम के ऑटो रिवर्सल के लिए एस समय तय कर दिया है। इसे टर्न अराउंड टाइम (TAT) नाम दिया गया है। अगर बैंक इस दौरान कस्टमर को भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें मुअवाजा देना पड़ सकता है। (फाइल फोटो)