...तो 50 रुपए के भाव में बिकेगा पेट्रोल, इस वजह से कस्टमर्स की हो सकती है बल्ले-बल्ले
नई दिल्ली. सऊदी अरब और रूस के बीच छिड़े प्राइज वार के चलते जल्द ही मार्केट में तेल की कीमतें सस्ती हो सकती हैं। कच्चे तेल के सबसे उत्पादकों में शामिल ये दोनों देश क्रूड ऑईल की कीमतों को लेकर एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। जिसके कारण लगातार कच्चे तेल की कीमतों में कमी आ रही है। भारत सरकार को अगला क्रूट बास्केट काफी कम दामों में मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी का पैसा भी बचेगा। सस्ता बास्केट मिलने पर पेट्रोल की कीमतें 50 रुपये तक आ सकती हैं। दरअसल सऊदी अरब ने रूस से उत्पादन में कमी करने को कहा था, पर रूस ने उसकी बात नहीं मानी। इसके बाद सऊदी अरब ने तेल की कीमतें घटा दी है। इसी वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम आज 31% तक लुढ़क गए हैं।
Asianet News Hindi | Published : Mar 9, 2020 11:39 AM IST / Updated: Mar 09 2020, 06:20 PM IST
कच्चे तेल के दाम 30% तक गिरने के बाद अगर सरकार टैक्स नहीं बढ़ाती है तो ग्राहकों को पेट्रोल 50 रुपये की कीमत में मिल सकता है।
देश में फिलहाल पेट्रोल के दाम 70 रुपये के आसपास हैं, जिनमें 20 रुपये तक की कमी आ सकती है।
रूस और सऊदी अरब के बीच छिड़े प्राइज वार का फायदा भारत जैसे देशों को मिल सकता है।
भारत को फिलहाल एक क्रूड बास्केट 47.92 डॉलर प्रति बैरल में मिलता है। भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत 3530 रुपये होती है।
एक क्रूड बास्केट 42 यूएस गैलन के बराबर होता है। लीटर में इसकी मात्रा 159 लीटर के बाराबर होती है।
अगर क्रूड बास्केट 30% सस्ते रेट में मिलता है तो भारत को इसकी कीमत 2470 रुपये पड़ेगी।
इस हिसाब से अगर सराकार घटी हुई कीमतों का फायदा उठाकर टैक्स नहीं बढ़ाती है या तेल कंपनियां अपना मुनाफा नहीं बढ़ाती हैं तो आम नागरिक को पेट्रोल 50 रुपये में मिल सकता है।
दिसंबर 2019 में क्रूड बास्केट की औसत लागत लगभग 65.52 डॉलर थी।
दिल्ली में फिलहाल पेट्रोल की कीमत 70.59 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 63.26 रुपये प्रति लीटर थी।
मुंबई में आज पेट्रोल की कीमत 76.29 रुपये और डीजल की कीमत 66.24 रुपये प्रति लीटर है।