Published : Dec 23, 2022, 10:37 AM ISTUpdated : Dec 23, 2022, 10:42 AM IST
काबुल। कुछ देर से ही सही मगर तालिबानी शासन वाले अफगगानिस्तान से वो खबर सामने आ ही गई, जिसका काफी पहले से अंदेशा था। दरअसल, तालिबानी सरकार ने अफगानिस्तान में लड़कियों के कॉलेज वाली पढ़ाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यही नहीं, तालिबानी सरकार ने अपने इस फैसले को जायज ठहराते हुए बचकानी दलील भी दी है। वहीं, अफगानी लड़कियों और कुछ महिला संगठनों की कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का विरोध किया है। आइए तस्वीरों के जरिए जानते है वहां आखिर चल क्या रहा है।
तालिबानी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने कहा कि जेंडर मिक्सिंग की वजह से लड़कियों की कॉलेज वाली पढ़ाई पर रोक लगाई गई है।
210
मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि यहां इस्लामिक मूल्यों का उल्लंघन किया जा रहा था।
310
नदीम ने अपनी बचकानी दलील में लड़कियों के पहनावे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो छात्राएं घर से यूनिवर्सिटी आ रही थी, वे हिजाब नहीं पहन रही थीं।
410
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि लड़कियां कॉलेज आते वक्त ऐसे कपड़े पहन रही थीं, मानों वे पढ़ने नहीं शादी समारोहों में शामिल होने जा रही हैं।
510
नेदा मोहम्मद नदीम ने कहा कि इस्लामिक अमीरात के कुछ प्लान रिफॉर्म्स हायर एजुकेशन सेक्टर में पहले लागू नहीं हुए थे। ऐसे में उन्हें अब लाया जा रहा है।
610
बहरहाल, तालिबानी शासन के इस फैसले का वहां की लड़कियों, महिला संगठनों और दूसरे सामाजिक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
710
कॉलेज जाने वाली लड़कियां और महिला संगठन से जुड़ी कार्यकर्ता सड़कों पर निकल रही हैं और अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
810
वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तालिबानी फैसले का विरोध हो रहा है और इसकी कड़ी निंदा की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस पर संज्ञान लिया है।
910
संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में कहा कि यह महिलाओं को अफगानी समाज से मिटाने की साजिश है। वहां की सरकार को तुरंत यह रोक हटानी चाहिए।
1010
वहीं, अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का भी इस पर बयान आया है। उन्होंने कहा कि तालिबान जब तक लोगों और उनके अधिकारों का सम्मान नहीं करेगा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सदस्य नहीं बन सकेगा।