22 साल की उम्र में ही बन गया था IAS अफसर लेकिन गरीब बच्चों को पढ़ाने छोड़ दी नौकरी
राजस्थान. देश में लाखों बच्चे सिविल सर्विस एग्जाम (यूपीएससी) की तैयारी करते हैं। हर दूसरा बच्चा बड़े होकर अफसर बनने के सपने देखता है। इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत से बच्चे दिन-रात की मेहनत करते हैं। पर कुछ ऐसे प्रतिभाशाली बच्चे भी होते हैं जो पहले प्रयास में ही सफलता पा लेते हैं। ऐसे ही एक सुपर टैलेंटेड बच्चे ने मात्र 16 साल की कम उम्र में सबसे मुश्किल परीक्षा को पास कर लिया था। इसका नाम है रोमन सैनी जो आज देश के गरीब बच्चों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए ऑनलाइन मदद करते हैं। 16 साल की उम्र में रोमन ने एम्स की एंट्रेंस परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया था। इसके बाद उन्होंने आईएएस बनकर मां-बाप का नाम रोशन किया। IAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको रोमन के संघर्ष, चुनौतियों और गरीब बच्चों के मसीहा बनने के पूरे सफर को बता रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 12:08 PM IST / Updated: Feb 22 2020, 05:53 PM IST
रोमन सैनी राजस्थान के कोटपुतली तहसील के छोटे से गांव रायकरनपुर के हैं। रोमन की मां गृहिणी और पिता इंजीनियर हैं। बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी रोमन ने 16 साल की उम्र में रोमन ने प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज AIIMS की परीक्षा पास कर ली थी। एमबीबीएस पूरा करने के बाद रोमन ने एनडीडीटीसी में बतौर जूनियर रेसिडेंट काम किया। पर रोमन का पेट इतने में नहीं भरा उन्हें आईएएस बनना था।
इसके लिए वो डॉक्टरी की नौकरी के साथ पढ़ाई करते रहे और महज छह महीने के अंदर उन्होंने वर्ष 2014 में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली। 2013 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की और उन्हें देशभर में 18वां रैंक मिला। इसके साथ ही वे 22 साल की सबसे कम उम्र में आईएएस बन गए। उनकी नियुक्ति मध्य प्रदेश में बतौर कलेक्टर हुई। रोमन आईएएस में जाकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में फोकस करना चाहते हैं।
रोमन कहते हैं, 'साल 2011 में जब मैं कुछ मेडिकल कैंपों में गया तो मुझे महसूस हुआ कि आखिर गरीबी क्या होती है. लोगों में उनकी सेहत, साफ-सफाई और पानी की समस्या को लेकर जागरुकता का अभाव था। ये मूल समस्याएं हैं। एक डॉक्टर के नाते मैं इनकी समस्याएं दूर करने में समर्थ नहीं था। उस वक्त मैंने फैसला किया कि अपने देश को बेहतर बनाने के लिए सिविल सेवा में जाना जरूरी है।'
इसलिए वो अफसर बने थे। हालांकि, यह उनकी कोई एकमात्र उपलब्धि नहीं है। एक वक्त ऐसा भी आया जब रोमन ने देश के लाखों बच्चे के सपने वाली ये नौकरी आधी ही छोड़ दी। रोमन का मन IAS बनकर भी नहीं लगा। उन्हें लगा कि देश में कुछ बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ने में बहुत अच्छे हैं लेकिन सही मार्गदर्शन न मिलने की वजह से वो प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल नहीं हो पाते।
सिविल सेवा में आने के बाद रोमन ने फैसला किया कि वो फ्री ऑनलाइन ट्रेनिंग के जरिये अन्य प्रतिभागियों की मदद करेंगे। इसके लिए उन्होंने 'Unacademy' की शुरुआत की। यह ऑनलाइन कोचिंग की वेबसाइट है जिसे वो अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ मिलकर चलाते हैं। यह युवा आईएएस अफसर अब उन स्टूडेंट्स को ऑनलाइन फ्री कोचिंग दे रहा है जो सिविल सेवा में जाने को इच्छुक हैं।
रोमन के वीडियो और भाषणों को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर हिट मिलते हैं। इन वीडियो और भाषणों में वो प्रतिभागियों को ऐसे गुर सिखाते हैं जो उन्हें सिविल सेवा की मंजिल छूने में उपयोगी साबित हो सकती है। रोमन इस वेबसाइट के जरिये देशभर के यूपीएससी प्रतिभागियों से रुबरु होते हैं और उन्होंने ऑनलाइन ट्रेनिंग देते हैं।
इस तरह के कई वीडियो रोमन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। इनमें रोमन अलग अलग विषयों पर बात करते हैं और स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब देते हैं। रोमन कभी कभार प्रतिभागियों से मिलते भी जब उन्हें वक्त मिलता है।
आज जहां लोग पैसे और पावर के पीछे भागते हैं वैसे दौर में नौकरी छोड़कर छात्रों के कल्याण के लिए कुछ करना बहुत हिम्मत की बात है। उनका सपना है कि मुफ्त शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़े जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्रों की मदद हो सके। रोमन सैनी कहते हैं कि लोगों में रिस्क उठाने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई रिस्क वाला काम करें तो यह जरूर देख लें कि आगे कितना खतरा है।
रोमन यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं। वो कहते हैं कि सफलता पाने में किस्मत ही नहीं, आपकी मेहनत भी बहुत जरूरी होती है।
हमेशा अपने लिए यह फिर किसी और के लिए फैसले जरूर लें। फैसले लेने की क्षमता आपके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। कई बार आपकी जिंदगी में बाधाएं आएंगी लेकिन इसके लिए आपको फैसले लेने होंगे और इन मुश्किलों को दूर करना होगा।