पुष्पा की शादी काफी यंग एज में हो गई थी। शादीशुदा ज़िंदगी में वो घर संभालने में लगी रहती थीं। शादी के बाद जैसा की औरतों को रिश्तेदारों से वही टिपिकल तानें सुनने को मिलते हैं कि औरतें घर संभालने के लिए होती हैं, वो घर और किचन ही संभाले, बच्चों को पालना ही उनका फर्ज होता है। गांव में ये सब पुष्पा ने भी खूब सुना था, पर उन्होंने इन सारे तानों की हवा उड़ा दी।