चाय की दुकान पर काम करने वाला लड़का जब बना IAS अफसर, पिता का सिर गर्व से हो गया ऊंचा

करियर डेस्क. दोस्तों यूपीएससी की सक्सेज स्टोरी में आपने बहुत सी कहानियां सुनी होंगी। आज हम आपको एक चाय की दुकान पर काम करने वाले उस बच्चे की कहानी सुना रहे हैं जो आज अफसर है। चाय की दुकान पर गिलास उठाने वाले बच्चे गरीब परिवार के होते हैं। कुछ मजदूर होते हैं या कुछ टी-स्टॉल पर पिता का काम में हाथ बंटा रहे होते हैं। ऐसे ही चाय की दुकान पर एक लड़के ने अफसर बनने का ख्वाब देखा। न सिर्फ ख्वाब देखा बल्कि उसे पूरा कर आईएएस बनकर अपने पिता का नाम रोशन कर दिया। आइए जानते उत्तर प्रदेश के हिंमाशु गुप्ता के संघर्ष की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2021 6:09 AM IST
18
चाय की दुकान पर काम करने वाला लड़का जब बना IAS अफसर, पिता का सिर गर्व से हो गया ऊंचा

ये हैं हिमांशु गुप्ता जो उत्तर प्रदेश बरेली के पास एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के लिए हिमांशु को रोजाना 70 किलोमीटर तक का सफर करना होता था। हिमांशु ने स्कूली पढ़ाई तो जैसे-तैसे कर ली लेकिन घर की हालत खराब देख उन्हें चाय की दुकान पर काम करना पड़ा।

28

हिमांशु के पिता एक डेली वेज पर मजदूर के तौर पर काम करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने चाय की स्टॉल खोली और फिर बाद में एक जनरल स्टोर की दुकान, जिसे वो आज भी चलाते हैं। हिमांशु बताते हैं कि हर बच्चे की तरह उनका भी एक सपना था। सरकारी नौकरी कर कोई बड़ा आदमी बनने का। ऐसे में उस सपने को पाने के लिए हर मुश्किल का सामना करने को तैयार थे।

38

हिमांशु ने बताया कि जब वो चाय की दुकान पर लोगों को चाय बाटते थे तब उन्हें कई तरह के लोगों से बात करने का मौका मिलता था। कुछ ऐसे लोग आते थे जिन्हें पैसे भी गिनने नहीं आता, तब मुझे शिक्षा की कीमत समझ में आई।

48

उन्होंने बताया कि गांव में शिक्षा को लेकर खास सुविधाएं नहीं थी ऐसे में 12वीं पास करने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे की पढ़ाई के लिए क्या करें। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के बारे में पता चला, 12वीं में अच्छे नंबर आने के बाद हिमांशु को यहां हिंदु कॉलेज में एडमिशन मिल गया।

58

यहां से उन्हें अपने सपने को नई उड़ान देने का मौका मिला। जब कॉलेज में आए तब वो वहां के माहौल को देखकर उन्हें एहसास हो गया था कि कंपटीशन काफी टफ है। इस दौरान घर ऐसी स्थिती नहीं थी कि पिता मुझे घर से पैसे भिजवा सके, ऐसे में मैंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना, पेड ब्लॉग लिखना....इस तरह के काम करने लगा ताकी मैं अपना खर्चा निकाल सकूं।

68

मास्टर की पढ़ाई के दौरान वो हर कंपीटेटिव परीक्षा को पास कर गए यही नहीं इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी को भी टॉप कर लिया। इस सफलता से उनके अंदर आत्मविश्वास आया, जिसके बाद वो कुछ बड़ा करना चाहते थे, वो चाहते तो आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जा सकते थे लेकिन उन्होंने देश में ही रहकर तय किया कि वो यहीं कुछ अच्छा करेंगे। (फाइल फोटो)

78

ऐसे में उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने बिना कोचिंग के पढ़ाई शुरू की, उन्होंने पहली बार जब यूपीएससी की परीक्षा दी तो वो फेल हो गए। इसी बीच हिमांशु रिसर्च स्कॉलर के तौर पर काम करने लगा। इस दौरान दोनों चीजों को मैनेज करना मुश्किल होता था ऐसे में दोनों की पढ़ाई के लिए उन्होंने समय को बाट दिया। प्लान और मेहनत से पढ़ाई करने के बाद हिमांशु इस परीक्षा को पास करने में कामयाब हुए।   (फाइल फोटो)

88
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos