8 साल की उम्र में घर छोड़ गया लड़का IAS बनकर आया, बेटे को अफसर बना देख खुशी से झूम उठे माता-पिता

बिहार. कई बार गांव में सुविधाएं न होने पर बच्चे घर से दूर रहकर पढ़ाई करते हैं। मां-बाप सीने पर पत्थर रखकर बच्चों को अपने से दूर भेज देते हैं। पर कैसा हो कि आपका बचपन में घर छोड़कर गया बच्चा अफसर बनकर लौट आए। सुनकर ही लोग हैरान रह जाते हैं लेकिन ऐसा हुआ भी है। बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा के रहने वाले सुमित कुमार ने 8 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। वो कक्षा 4 से 12वीं तक घर से दूर ही रहे और पढ़ाई करते रहे। साल 2018 में सुमित घर लौटे तो अफसर बनकर। उनका रूतबा देख मां-बाप तो क्या पूरा गांव ही दंग रह गया था। 

 

आज आईएएस सक्सेज स्टोरी में हम आपको सुमित कुमार (IAS Success Story Sumit Kumar) की सफलता की कहानी सुनाएंगे। साथ ही यूपीएससी की तैयारी के लिए उनके दिए गए टिप्स भी- 

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 4:52 AM IST / Updated: Nov 02 2020, 01:53 PM IST

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8 साल की उम्र में घर छोड़ गया लड़का IAS बनकर आया, बेटे को अफसर बना देख खुशी से झूम उठे माता-पिता

सुमित कुमार के पिता का नाम सुशील कुमार वर्णवाल है और उनकी मां का नाम मीना देवी है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा के लिए उनका चयन होने पर उनके परिवार के साथ ही इलाके के लोग भी काफी खुश थे। बता दें कि सुमित कुमार ने 8 साल की उम्र में ही पढ़ाई के लिए घर छोड़ दिया था। गांव में अच्छे स्कूल नहीं थे इसलिए छोटी उम्र से उन्होंने बाहर रहकर पढ़ाई की। पर उस समय कौन जानता था कि यह लड़का एक आईएएस अफसर बन कर वापस आएगा।

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सुमित कुमार को 2017 की यूपीएससी परीक्षा में 493वीं रैंक मिली थी और डिफेंस कैडर मिला था। उन्होंने दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी और साल 2018 में 53वीं रैंक के साथ टॉप करके इतिहास रच दिया। उनके अफसर बनने की खुशी से परिवार के सदस्य बहुत खुश हुए थे। वो अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को ही देते हैं जिन्होंने उनके उज्जवल भविष्य के लिए कड़े फैसले लिए। 

 

 

सुमित ने 2007 में मैट्रिक और 2009 में इंटर की परीक्षा पास की। 2009 में ही उनका चयन आईआईटी के लिए हुआ और उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए सुमित कुमार ने कई बातें पर खास जोर दिया है, जिन्हें जानना प्रत्याशियों के लिए जरूरी होगा।

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सुमित कुमार का कहना है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने के लिए प्रीलिम्स और मेन्स के साथ इंटरव्यू की तैयारी पर जोर देना बहुत जरूरी है। कई कैंडिडेट्स इसी में पिछड़ जाते हैं, क्योंकि वे इसके लिए खास तौर पर स्ट्रैटजी नहीं बना पाते।

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सुमित कुमार ने कहा कि इंटरव्यू के दौरान अलग-अलग कैंडिडेट्स से जो सवाल पूछे जाते हैं, वे उनके डिटेल्ड एप्लिकेशन फॉर्म में दी गई जानकारियों के आधार पर पूछे जाते हैं। हर कैंडिडेट की जानकारी किस क्षेत्र में ज्यादा है, उसकी रुचियां क्या हैं, इंटरव्यू में सवाल पूछते हुए सबका ध्यान रखा जाता है। इसलिए इस फॉर्म मे सही जानकारी देनी चाहिए।

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सुमित का कहना था कि इंटरव्यू के लिए प्रैक्टिस करना जरूरी है। मॉक इंटरव्यू से काफी फायदा होता है। इसके अलावा, इंटरव्यू के दौरान बॉडी लैंग्वेज पर भी खास ध्यान रखना जरूरी है। मिरर के सामने भी प्रैक्टिस की जा सकती है। उनका कहना था कि कई बार हम जानते हुए भी समय पर सवाल का सही जवाब नहीं दे पाते। ऐसा घबराहट के कारण होता है। इसलिए सेल्फ कॉन्फिडेंस बनाए रखने की भी प्रैक्टिस करनी चाहिए।
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उनका कहना था कि ज्यादातर कैंडिडेट इंटरव्यू में इसलिए रिजेक्ट हो जाते हैं, क्योंकि वे सवालों के संतुलित उत्तर नहीं दे पाते। इंटरव्यू के दौरान संक्षिप्त और सटीक जवाब देना चाहिए। किसी सवाल का जवाब नहीं आए तो यह कहने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि आप नहीं जानते। इसका पॉजिटिव असर पड़ता है।

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फुर्सत के पलों में बाइक की सवारी कर एन्जॉय करते हुए सुमित कुमार। यूपीएससी परीक्षा के कैंडिडेट्स के लिए उनका यही संदेश है कि वे आपने माहौल के प्रति जागरूक रहें। इंटरव्यू में ज्यादातर सवाल करंट अफेयर्स से भी जुड़े होते हैं, इसलिए अखबार और मैगजीन हमेशा पढ़ते रहें।
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