Knowledge Fact: तीनों धर्म के लिए यरुशलम क्यों है अहम, किस कारण से इजरायल और फिलिस्तीन में चल रहा है विवाद

Published : May 14, 2021, 05:59 PM ISTUpdated : May 14, 2021, 06:04 PM IST

करियर डेस्क. इजरायल और फिलिस्तीन एक बार फिर से एक-दूसरे के आमने सामने हैं। हवाई हमलों और गोलाबारी के बीच एक बार फिर दोनों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। 14 मई को 73 साल पहले दुनिया का इकलौते यहूदी देश इजरायल अस्तित्व में आया था। साल 2014 में दोनों के बीच युद्ध हुआ था।  जो 50 दिन तक चला था। अब सात साल बाद फिर से हुए हमले में कई लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सब कोई ये जानना चाहता है कि आखिरकार इजरायल और फिलिस्तीन के बीच के विवाद की जड़ क्या है? ऐसा क्या है जिसके कारण दोनों देशों के बीच युद्ध हो रहा है।

PREV
18
Knowledge Fact: तीनों धर्म के लिए यरुशलम क्यों है अहम, किस कारण से इजरायल और फिलिस्तीन में चल रहा है विवाद


इजरायल ने खुद को घोषित किया था राष्ट्र
आज ही के दिन 14 मई को दुनिया के नक्शे में इजरायल आया था। इसके पीछे सालों पुराना इतिहास है। कभी इजरायल की जगह तुर्की का ओटोमान साम्राज्य था, पहले प्रथम विश्वयुद्ध में तुर्की की हार के बाद ये ब्रिटेन के कब्जे में आ गया था। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1945 में ब्रिटेन ने इस जगह को यूनाइटेड नेशन को सौंप दिया। 1947 में यूनाइटेड नेशन ने इस इलाके को दो हिस्सों में बांटा। एक अरब राज्य और दूसरा इजरायल। 1 मई 1948 को इजरायल ने अपनी आजादी की घोषणा की दुनिया में पहला और इकलौता यहूदी देश अस्तित्व में आया। 

28

दोनों देशों के बीच जंग क्यों
1967 में इजरायल ने सीरिया, जॉर्डन और फिलिस्तीनियों के बीच युद्ध हुआ। इजरायल ने पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया। पहले ये दोनों इलाके जॉर्डन के पास थे। तभी से इन इलाकों में इजरायल और फलस्तीनियों के बीच हिंसक टकराव होता रहता है। इजरायल का कहना है कि पूरा यरुशलम उसकी राजधानी है, जबकि फिलिस्तीनी पूर्वी यरुशलम को भविष्य के फिलिस्तीन राष्ट्र की राजधानी मानता है।

38

यरुशलम को लेकर ये झगड़ा क्यों है?
ये इलाका ईसाई, इस्लाम और यहूदी तीनों धर्मों को मानने वालों के लिए अहम माना जाता है। ये तीनों धर्म अपनी शुरुआत को बाइबल के पैगंबर अब्राहम से जोड़ते हैं। ईसाई धर्म का मानना है कि यहां कलवारी की पहाड़ी पर यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। उनका मकबरा सेपल्का (Church Of The Holy Sepulchre) के अंदर स्थित है।

48

मुस्लिम क्यों मानते हैं?
मुसलमान इस जगह को इसलिए अहम मानते हैं कि डोम ऑफ रॉक (Dome of Rock) और अल-अक्सा मस्जिद यहां पर है। इस मस्जिद को इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। उनका मानना है कि पैगंबर मोहम्मद ने यात्रा के दौरान मक्का से यहां तक का सफ़र तय किया था। इस मस्जिद से पास ही डोम ऑफ रॉक है। मुसलमान मानते हैं कि यहीं से पैगंबर मोहम्मद जन्नत गए थे।

58

यहूदी क्यों मानते हैं
यहूदी यरुशलम को अपना मानते हैं। यही वो जगह है जहां अब्राहम ने अपने बेटे आईजैक की कुर्बानी दी थी। यहूदियों का यहां कोटेल या वेस्टर्न वॉल है, ये दीवार पवित्र मंदिर का अवशेष है। यानी यरुशलम ईसाई, इस्लाम और यहूदी तीनों धर्मों के केन्द्र में है।

68

आजादी के 24 घंटे बाद हमला
इजराइल ने जैसे ही अपनी आजादी का ऐलान किया था इसके महज चौबीस घंटे के बाद ही अरब देशों ने इस पर हमला बोल दिया था। यह लड़ाई करीब एक साल तक चली। इसमें इजरायल की जीत हुई और अरब देशों की हार। युद्ध समाप्त होने के साथ ही इजराइल की 120 सदस्यीय संसद के लिए 25 जनवरी 1949 को पहला चुनाव हुआ।

78

गुरियन बने पहले पीएम
डेविड बेन गुरियन देश के पहले प्रधानमंत्री चुने गए। इस वक्त दुनिया की कुल यहूदी आबादी के 40% से ज्यादा लोग इजराइल में रहते हैं। इजराइल दुनिया का अकेला यहूदी देश है। 

88

थियोडोर हर्जल ने रखी थी इजरायल के गठन की नींव
थियोडोर हर्जल नाम के वियना में रहने वाले एक यहूदी ने  इजरायल की स्थापना की सैद्धांतिक तौर पर नींव रखी थी। 1860 में जन्मे हर्जल वियना में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते थे।

Recommended Stories