12वीं में फेल होने के बाद गूगल पर काम ढूंढ़ा करता था 17 साल का लड़का, मिला गजब का आइडिया

सफलता और असफलता जिंदगी का पार्ट हैं। लेकिन नाकामी से भी कामयाबी का रास्ता खोजना एक टैलेंट है, कुछ कर गुजरने का जुनून है। ऐसी की सक्सेस कहानी 2 साल पहले सामने आई थी। यह हैं 24 साल के ऋषभ लवानिया, जो साउथ अफ्रीका में रहते हैं। जब ये 17 साल के थे, तब 12वीं में फेल हो गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे  गूगल के जरिये लगातार अपने लिए रास्ता तलाशते रहे। वे गूगल पर यही सवाल करते थे कि अब वे क्या करें? लगातार सर्च के बाद उन्हें खुद का स्टार्ट अप शुरू करने का रास्ता मिला। गूगल पर उन्हें दुनियाभर के सफल और असफल स्टार्टअप के बारे में पता चला। वे खुद का स्टार्टअप कैसे शुरू कर सकते हैं, इसका पता चला। आज ऋषभ खुद की कंपनी WeeTracker के एमडी और सीईओ है। इनकी गिनती आज करोड़पतियों में होती है। ऋषभ ने यह साबित किया कि असफलता से ही सफलता का रास्ता निकलता है। पढ़िए यह कहानी और अपने लिए तलाशिए कोई बेहतर रास्ता...

Asianet News Hindi | Published : Dec 14, 2020 7:35 AM IST / Updated: Dec 14 2020, 05:23 PM IST
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12वीं में फेल होने के बाद गूगल पर काम ढूंढ़ा करता था 17 साल का लड़का, मिला गजब का आइडिया

ऋषभ जब 17 साल के थे, तब इन्होंने जयपुर में बेस बनाकर अपना पहला स्टार्ट अप 'रेड कॉर्पेट' शुरू किया था। यह इवेंट मैनेजमेंट कंपनी जयपुर के अलावा दिल्ली-एनसीआर आदि शहरों में 70 से ज्यादा कॉर्पोरेट कार्यक्रमों को देखती थी। 

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वर्ष, 2013 में ऋषभ ने अपना दूसरा स्टार्ट अप JusGetIT लॉन्‍च किया। यह एक लॉजिस्टिक स्‍टार्टअप है। यह ऐसे समय में लॉन्च किया गया, जब बिग बॉस्‍केट और ग्रोफर्स जैसी बड़ी कंपनियां मार्केट में कदम रख चुकी थीं। यह स्टार्टअप घरों तक किराने का सामान पहुंचाती थी। हालांकि यह स्टार्टअप फेल हो गया।

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दूसरे स्टार्ट अप के फेल होने के बावजूद ऋषभ ने हार नहीं मानी और निवेशकों के लिए ZDream Ventures की नींव रखी। इसके बाद WeeTracker मीडिया कंपनी की शुरुआत की। ऋषभ अब साउथ अफ्रीका में रहते हैं। उनकी कंपनी WeeTracker लोगों को सुरक्षित निवेश की सलाह देती है।

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साउथ अफ्रीका के केपटाउन में रहने वाले ऋषभ आज एक बड़े बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार हैं।   WeeTracker के पास ऐसे बिजनेसमैन की लिस्ट है, जो दुनियाभर में निवेश करने को इच्छुक रखते हैं।
 

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ऋषभ बेशक परदेस में रहने लगे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी कंपनी के जरिये दूसरे देशों के उद्योगपतियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। यह स्टोरी बताती है कि असफलताएं ही सफलता का रास्ता दिखाती हैं।
 

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ऋषभ की कहानी यह बताती है कि इंटरनेट सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं है, यह एक खजाना है। इसमें आपको अपने करियर के रास्ते भी मिल जाएंगे।

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