21 की उम्र में सोचा कलेक्टर बनना है, 22 की उम्र पूरी करते करते बिना कोचिंग बन गए IAS
करियर डेस्क. किसी ने सच ही कहा है अगर जिंदगी में कुछ पाने के लिए पूरी ईमानदारी से कोशिश की जाए तो मंजिल मिल ही जाती है। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है। आज की अपनी कड़ी में हम महज 22 साल की उम्र में 2018 बैच के IAS बनने वाले प्रियांक किशोर की कहानी बताने जा रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Mar 9, 2020 10:40 AM IST / Updated: Mar 09 2020, 05:08 PM IST
प्रियांक किशोर बक्सर के रहने वाले हैं। उनके पिता कमल किशोर साल 1989 बैच के दारोगा हैं। हांलाकि बीते वर्ष उन्हें प्रोन्नति देकर डीएसपी बनाया गया है।
प्रियांक की शुरुआती पढ़ाई जमशेदपुर से हुई। उन्होंने हाई स्कूल सेंट जेवियर्स और 12वीं सेंट जेवियर्स श्यामली से करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
प्रियांक पढ़ने में शुरू से ही काफी तेज रहे हैं। प्रियांक को UPSC की प्रेरणा अपने पिता से मिली थी। पिता दारोगा थे और उन्हें IPS और IAS के बारे में बताया करते थे। इन सबसे प्रियांक के मन में एक लालसा UPSC के प्रति रहती थी।
प्रियांक ने PG की पढ़ाई के दौरान 21 साल की उम्र में UPSC की तैयारी करने की सोची। उनका सपना कलेक्टर बनने का था। उन्होंने शुरुआत में सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। उन्होंने कोई भी कोचिंग नहीं ज्वाइन की।
साल 2018 में 22 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार UPSC का एग्जाम दिया। प्रियांक ने पहले ही अटेम्प्ट में सेल्फ स्टडी से UPSC का एग्जाम क्रैक कर लिया। उन्हें इसमें 274वीं रैंक मिली।
यूपीएससी परीक्षा में तैयारी के दौरान प्रियांक से एक गलती निबंध की तैयारी में हुई। वे परीक्षा से पहले निबंध लिखने की तैयारी के लिए किसी भी टेस्ट सीरीज में शामिल नहीं हुए, इसका सीधा असर निबंध लेखन पर पड़ा। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने परीक्षा पास कर ली।