इस IPS का नाम सुनकर ही कांपने लगते हैं बड़े से बड़े अपराधी, बनाई थी देश की पहली स्वात टीम

लखनऊ. फरवरी में CBSE बोर्ड के साथ अन्य बोर्ड के एग्जाम भी स्टार्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही बैंक, रेलवे, इंजीनियरिंग, IAS-IPS के साथ राज्य स्तरीय नौकरियों के लिए अप्लाई करने वाले  स्टूडेंट्स प्रोसेस, एग्जाम, पेपर का पैटर्न, तैयारी के सही टिप्स को लेकर कन्फ्यूज रहते है। यह भी देखा जाता है कि रिजल्ट को लेकर बहुत सारे छात्र-छात्राएं निराशा और हताशा की तरफ बढ़ जाते हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम यूपी डायल 112 के ADG व 1994 बैच के IPS अफसर असीम अरुण के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2020 11:36 AM IST / Updated: Feb 05 2020, 06:55 PM IST

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इस IPS का नाम सुनकर ही कांपने लगते हैं बड़े से बड़े अपराधी, बनाई थी देश की पहली स्वात टीम
IPS असीम अरुण का जन्म 3 अक्‍टूबर 1970 को यूपी के बदायूं जनपद में हुआ था।
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उनके पिता श्रीराम अरुण भी एक तेज तर्रार IPS अफसर थे। वह उत्तर प्रदेश के DGP भी रहे हैं। असीम अरुण की माता शशि अरुण जानी-मानी लेखि‍का और समाजसेवि‍का हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसि‍स स्‍कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से बीएससी किया।
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देश में अगर जांबाज और चर्चित IPS अफसरों का नाम लिया जाए तो यूपी कैडर के IPS अफसर असीम अरुण का नाम लिस्ट में ऊपर आएगा। असीम अरुण ने कई बड़े आपरेशनों को लीड कर देश के दुश्मनो को सलाखों के पीछे या फिर एनकाउंटर में मार गिराया है। वर्तमान में वह यूपी डायल 112 के ADG की पोस्ट संभाल रहे हैं। इसके पहले वह यूपी ATS के IG थे।
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असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण भी एक जाने माने IPS अफसर थे। इसलिए असीम बचपन से ही IPS ही बनना चाहते थे। उन्होंने सिविल सर्विस के लिए तैयारी शुरू की। साल 1994 में उन्हें सफलता मिली और वह IPS में सिलेक्ट हो गए। असीम अरुण 1994 बैच के IPS अफसर हैं। वह अपने बैच के सबसे होनहार IPS अफसर थे।
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असीम अरुण यूपी के कई जिलों में बतौर कप्तान तैनात किए गए। अपराध पर लगाम लगाने के लिए जहां भी जरूरत पड़ी असीम अरुण को तैनात कर दिया गया। असीम अरुण हर जगह क्राइम कंट्रोल और दुर्दांत अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए फिट साबित हुए। आतंकी सैफुल्ला के एनकाउंटर के बाद तो उन्हें यूपी पुलिस की रीढ़ माना जाने लगा।
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असीम अरुण देश की लगभग सभी सुरक्षा एजेंसियों की कमान संभाल चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुरक्षा दल में शामिल किया गया। वे एसपीजी में पूर्व प्रधानमंत्री के क्‍लोज़ प्रोटेक्‍शन टीम के हेड थे। वह एक अच्छे कमांडो के तौर पर भी जाने जाते हैं। असीम अरुण ने CBI,NSG,SPG जैसी देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
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देश में पहली स्वाट टीम के गठन का श्रेय असीम अरुण के ही नाम है। 2009 में उन्होंने अलीगढ़ जनपद में तैनाती के समय देश की पहली जनपद स्तरीय स्पेशल वेपन्स एंड टेक्टिक्स ( SWAT) का गठन किया था। स्वाट टीम आतंकी या किसी गंभीर मामले से हमेशा निबटने के लिए तैयार रहने वाली टीम है। इसमें विशेष कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं।
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