फ्रेंड की कैंसर से मौत ने दिया झटका, खड़ा कर दिया ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स का स्टार्टअप

Published : Feb 15, 2021, 09:29 AM IST

जिंदगी में कब और कैसे टर्निंग पॉइंट आ जाए, कोई नहीं जानता। 43 वर्षीय दिव्या राजपूत आज ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स का स्टार्टअप चला रही हैं। लेकिन इसके पीछे उनकी दोस्त की कैंसर से मौत की कहानी छुपी है। दिल्ली की रहने वालीं दिव्या पहले 20 साल एजुकेशन फील्ड में काम करती रहीं। मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स में भी काम किया। लेकिन आज वे अपने चार दोस्तों के साथ ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचती हैं। यही नहीं, उनके स्टार्टअप से 25 अन्य महिलाएं भी जुड़ी हैं। दिव्या और उनकी टीम ने 3 महीने पहले ही अपना स्टार्टअप शुरू किया है। आज हर महीने 200 से ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं। यानी हर महीने एक लाख रुपए तक का बिजनेस होने लगा है। उनके प्रोडक्ट्स रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते हैं।

PREV
16
फ्रेंड की कैंसर से मौत ने दिया झटका,  खड़ा कर दिया ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स का स्टार्टअप

दिव्या की एक दोस्त थीं काकुल रिजवी। वे मार्केटिंग प्रोफेशनल थीं। उन्हें कैंसर डिटेक्ट हुआ। तब दिव्या ने उनके साथ अपना स्टार्टअप शुरू ही किया था। एक दिन काकुल की मौत हो गई। तब दिव्या को गहरा झटका लगा। इसके बाद दिव्या ने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करने का जैसे संकल्प ले लिया। उन्होंने अपने स्टार्टअप को और तेजी से विस्तार दिया। वे किफायती रेट पर अपने प्रोडक्ट्स बेचती हैं। इससे उनकी डिमांड बढ़ रही है।


(इनसेट दिव्या राजपूत)

26

दिव्या बताती हैं कि काकुल की मौत के बाद उन्हें लगा कि वे अकेली पड़ जाएंगी। पता नहीं स्टार्टअप चला पाएंगी कि नहीं। लेकिन कहते हैं कि जहां चाह- वहां राह। उन्हें पूजा अरोड़ा, सुरभि सिन्हा, आस्था और क्रिस्टीना ग्रोवर जैसी फ्रेंड्स मिलीं। ये सभी उनके स्टार्टअप से जुड़ गईं। आज सब मिलकर स्टार्टअप को और आगे तक ले जाने में लगे हैं।


( फोटो- काकुल रिजवी)

36

शुरुआत में दिव्या एग्जिबिशन लगाकर अपने प्रोडक्ट्स बेचती थीं। लेकिन लॉकडाउन में यह काम रुक गया। तब सबने मिलकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फोकस किया। अपनी खुद की वेबसाइट लॉन्च की। आज ये लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बखूबी करते हैं। दिव्या ने अपना सब्सक्रिप्शन कैम्पेन भी लॉन्च किया है। यानी जब भी ये लोग कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च करते हैं, लोगों के पास उसका नोटिफिकेशन ऑटोमेटिक चला जाता है।


(दिव्या और उनकी टीम)

46

दिव्या अपने प्रोडक्ट्स के लिए कच्चा मटैरियल असम, मेघालय जैसे राज्यों से भी मंगाती हैं। दिव्या बताती हैं कि कोई भी प्रोडक्ट लॉन्च करने से पहले वे उसके बारे में अच्छे से रिसर्च करती हैं। जब वे कन्फर्म हो जाती हैं कि यह प्रोडक्ट ईको फ्रेंडली है, तब उसे लॉन्च करते हैं। आज दिव्या के पास 25 लोगों की टीम है, जो उनके काम में हाथ बंटाती है। 200 से ज्यादा महिलाएं उनके प्रोडक्ट्स से जुड़ी हैं।

56

दिव्या ने असम, हिमाचल, मेघालय आदि कई राज्यों के स्थानीय कारीगरों और किसानों से टाईअप किया है। दिव्या अपने ऑर्डर की डिमांड उन्हें भेजती हैं। वे प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं। जिस राज्य से जो प्रोडक्ट्स अच्छा मिलता है, वे उसे वहीं से मंगाती हैं। जैसे हल्दी पाउडर मेघालय से आता है। दिव्या करीब 100 तरह के प्रोडक्ट्स बनाती हैं। इनमें जूट और कैनवास बैग, हर्बल इम्यूनिटी बूस्टर, हैंडमेट क्राफ्ट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, एग्री वेस्ट मग आदि।

66

दिव्या कहती हैं कि उनकी कोशिश होती है कि स्टार्टअप के जरिये छोटे-छोटे कारीगरों को मार्केट मिले। कारीगरों को उनकी मेहनत का बाजिव दाम मिले।

Recommended Stories